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यह तुगलक लेन नहीं, स्वामी विवेकानंद मार्ग है; केंद्रीय मंत्री और सांसद ने बदला अपने आवास का पता

March 08, 2025

नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर (Union Minister Krishan Pal Gurjar)को सरकारी आवास दिल्ली(Government Residence, Delhi) के तुगलक लेन (Tughlaq Lane)में मिला है, लेकिन उन्होंने घर पर लगी नेमप्लेट में स्वामी विवेकानंद मार्ग लिखवा लिया है। शुक्रवार को यह बदलाव किया गया, जिसमें उनके घर का पता तुगलक लेन नहीं बल्कि स्वामी विवेकानंद मार्ग बताया गया है। उनके अलावा भाजपा के एक अन्य सांसद दिनेश शर्मा ने भी ऐसा ही किया है। उन्होंने इसकी जानकारी गुरुवार को एक्स पर दी थी। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘आज नई दिल्ली स्थित नए आवास स्वामी विवेकानंद मार्ग (तुगलक लेन) में सपरिवार विधि विधानपूर्वक, पूजन-अर्चन कर गृह प्रवेश किया।’ इसके साथ ही उन्होंने तस्वीरें भी शेयर की हैं, जिसमें से एक में पते के तौर पर स्वामी विवेकानंद मार्ग लिखा दिखता है।

यह फैसला भाजपा की दिल्ली में बनी नई सरकार की लाइन पर ही दिखता है। नई सरकार ने प्रस्ताव रखा है कि नजफगढ़ का नाम बदलकर नाहरगढ़ कर दिया जाए। इसके अलावा मोहम्मदपुर गांव का नाम माधवपुरम किया जाए और मुस्तफाबाद का नाम बदलकर शिवपुरी कर दिया जाए। इस बीच लुटियन दिल्ली में भी केंद्रीय मंत्री और सांसद ने खुद ही अपने नेम प्लेट में नया नाम लिख दिया है। हालांकि तुगलक लेन नाम भी हटाया नहीं गया है।


बताया कैसे बोर्ड पर लिखा गया स्वामी विवेकानंद मार्ग

इस पर दिनेश शर्मा की सफाई भी आ गई है और उन्होंने नेम प्लेट पर विवेकानंद मार्ग लिखे जाने की अलग ही वजह बताई है। उन्होंने कहा, यह सामान्य प्रक्रिया है कि जब कोई किसी घर में जाता है तो नाम पट्टिका लगा दी जाती है। मैं वहां नहीं गया था, मैंने नहीं देखा था, जब मुझसे उससे संबंधित लोगों ने पूछा कि किस तरह की नाम पट्टिका होनी चाहिए तो मैंने कहा कि आसपास के हिसाब से होनी चाहिए। आस-पास के घरों पर विवेकानंद मार्ग लिखा था और नीचे तुगलक लेन लिखा था, दोनों एक साथ लिखे थे।’

सांसद बोले- आज भी नेमप्लेट पर तुगलक लेन लिखा है

उन्होंने कहा कि नेमप्लेट पर आज भी तुगलक लेन लिखा है और सुविधा के लिए विवेकानंद मार्ग लिख दिया है। मैंने कर्मचारियों से पूछा तो उन्होंने कहा कि गूगल पर वह स्थान विवेकानंद रोड आता है, ऐसा इसलिए लिखा है ताकि लोगों को विवेकानंद रोड और तुगलक लेन में भ्रम न हो… मैं जानता हूं कि सांसद को सड़क का नाम बदलने का अधिकार नहीं है। ये राज्य सरकार और नगर निकाय का काम है, इसके लिए एक प्रक्रिया होती है… मुझे इसे बदलने का न अधिकार था, न है, न मैंने किया है। सामान्य प्रक्रिया में पेंटर ने वही नाम लिखा होगा जो आस-पास के घरों पर लिखा था, इसका मतलब यह नहीं है कि मैंने कोई स्थान(का नाम) बदला है…।

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