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    TTP बना पाकिस्तान के लिए गले की हड्डी, फरवरी के 28 दिनों में किए 29 हमले

  • March 03, 2023

    नई दिल्ली: आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने पाकिस्तान को धमकी दी थी कि जब तक पाकिस्तान पूरी तरह से शरिया कानून लागू नहीं करता, तब तक हमले होते रहेंगे. यह सच भी साबित हो रहा है क्योंकि फरवरी महीने में 28 दिनों में आतंकी समूह ने 29 हमले किए, जिसमें 57 लोग मारे गए, जबकि 127 जख्मी हुए. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने इन हमलों के कुछ वीडियो भी जारी किए हैं. साल 2007 में इस आतंकवादी संगठन को तालिबान और पाकिस्तान द्वारा भारत मे कोहराम मचाने के लिए बनाया गया था.

    लेकिन अब यही आतंकी संगठन पाकिस्तान के लिए गले की हड्डी बनता जा रहा है. साल 2008 में तहरीके तालिबान पाकिस्तान ने अपने तत्कालीन आका तालिबान और पाकिस्तान की शह पर भारत को धमकी दी थी और कहा था कि भारत में शरिया आधारित अमीरात कायम किया जाएगा. साथ ही उसने यह भी धमकी दी थी कि अब वह अपने आतंकवादियों के साथ कश्मीर में सक्रिय होने जा रहा है, लेकिन समय बदलने के साथ-साथ तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के समीकरण भी बदल गए.

    तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान द्वारा जारी किए गए ताजा पोस्टर में कहा गया है कि उसने पाकिस्तान में फरवरी महीने के 28 दिनों में 29 हमले किए और इन हमलों के दौरान उसने 70 लोगों को जख्मी कर 57 लोगों को मार गिराया. इन जख्मी और मारे गए लोगों में पुलिस और रेंजर्स के 36 लोग, फौज के 37 लोग और पाकिस्तानी खुफिया अमन कमेटी के 8 लोग शामिल हैं. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने सिलसिलेवार तरीके से बताया है कि उसने किस तरह से गुरिल्ला हमले और घात लगाकर बम धमाके किए.


    फरवरी महीने में यह हमले पाकिस्तान के पेशावर के क्वेटा में साउथ वजीरिस्तान में डेरा इस्माइल खान समेत अनेक इलाकों में किए गए. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक वह पूर्ण शरिया कानून लागू नहीं करता, तब तक ऐसे हमले होते रहेंगे. टीटीपी का कहना है कि जब पाकिस्तान खुद को मुस्लिम देश कहता है, तो वह शरिया कानून को लागू क्यों नहीं करता और पाकिस्तान क्यों शरिया लागू कराने वालों को निशाना बनाकर मार रहा है.

    तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने धमकी भी दी है कि जो भी शरिया के खिलाफ जासूसी करेगा या अमन कमेटी के नाम पर उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा उसे भी नहीं बख्शा जाएगा. यही कारण है कि फरवरी महीने में हुए हमलों में खुफिया अमन कमेटी के आठ लोगों को निशाना बनाया गया है. तहरीक-ए-तालिबान अब पाकिस्तान में शरिया पर आधारित एक कट्टरपंथी इस्लामी अमीरात कायम करना चाहता है.

    साथ ही अब खुद पाकिस्तान समय-समय पर आरोप लगा रहा है कि तालिबान की शह पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान अपने हमले जारी किए हुए हैं. उधर अफगानिस्तान ने इस बाबत पाकिस्तान को चेतावनी दी कि वह अपने पाप अफगानिस्तान के सिर पर ना डालें क्योंकि अफगानिस्तान किसी भी आतंकी संगठन का साथ नहीं दे रहा है. फिलहाल अब पाकिस्तान का पाप उसके सिर पर चढ़कर बोलने लगा है और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान पाकिस्तान के अंदर ही एक बड़ा विपक्ष होकर सामने आया है.

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