नई दिल्ली (New Delhi) । रेलवे (railway) को लेकर कहा जाता है कि उसकी ताकत यात्रियों (passengers) से है। हर दिन लाखों लोग ट्रेनों से सफर करते हैं और रेलवे उन्हें अपनी-अपनी मंजिल तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाता है। यात्रियों का सफर सुहाना बनाने के लिए रेलवे की ओर से कई सारे कदम उठाए गए हैं। खासतौर से महिला यात्रियों (female passengers) को रेलवे विशेष छूट देता है। जैसे कि अगर कोई महिला बिना टिकट ट्रेन में यात्रा कर रही हो तब भी टीटीई उसे नीचे नहीं उतार सकता है। जी हां, रेलवे का नियम तो यही कहता है। अगर आपको इस बारे में जानकारी नहीं है तो चलिए हम बता देते हैं। आखिर कैसे कोई अकेली महिला ट्रेन में बिना टिकट के भी यात्रा कर सकती है।
इंडियन रेलवे का नियम कहता है कि अगर कोई महिला ट्रेन में अकेले सफर कर रही हो और उसके पास टिकट न हो तो TTE उसे नीचे नहीं उतार सकता। ऐसी स्थिति में महिला चाहे तो जुर्माना भरकर आगे की यात्रा जारी रख सकती है। यहां सवाल उठता है कि अगर महिला यात्री के पास पैसे ही न हों तब क्या होगा? ऐसे में नियम यही है कि टीटीई उसे ट्रेन से बाहर नहीं कर सकता है। रेलवे की ओर से महिला यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए साल 1989 में यह नियम लाया गया। इसमें कहा गया कि अकेले सफर कर रही महिला को किसी भी स्टेशन पर उतार देने से अनहोनी की आशंका रहती है।
महिला के बिना टिकट पकड़ाने पर क्या होता है?
रेलवे के एक टीटीई ने इसे लेकर बताया, ‘आजकल जब हमारे पास इस तरह का मामला आता है तो हम जोनल कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी देते हैं। कंट्रोल रूम को हम यह बताते हैं कि वह महिला किस परिस्थिति में सफर कर रही है। अगर मामला संदिग्ध लगता है तो इसकी जानकारी जीआरपी को दी जाती है। इसके बाद जीआरपी महिला कांस्टेबल को मामला देखना होता है।’
अगर महिला का नाम वेटिंग लिस्ट में हो तब…
एक सवाल यह भी है कि अगर कोई अकेली महिला स्लीपर क्लास के टिकट पर एसी क्लास से यात्रा कर रही हो तब क्या होगा? ऐसी स्थिति में TTE उसे स्लीपर क्लास में जाने के लिए बोल सकता है। हालांकि, इसे लेकर उसके साथ कोई गलत व्यवहार नहीं होना चाहिए। एक नियम यह भी जान लें कि सीट को लेकर वेटिंग लिस्ट में नाम होने पर भी अकेली महिला को ट्रेन से नहीं उतारा जा सकता।
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