अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए धन संग्रह का अभियान 15 जनवरी से 27 फरवरी तक चलाया जाएगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि दान संग्रह अभियान विश्व का सबसे बड़ा धन संग्रह अभियान होगा। इसे श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान नाम दिया गया है। इसके जरिए संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) की एक लाख टोलियां 12 करोड़ परिवारों तक पहुंचेंगी। एक टोली में दो से तीन कार्यकर्ता होंगे। ये सभी कार्यकर्ता वालंटियर हैं। 10 रुपए से लेकर एक हजार रुपए के छपे कूपनों पर राम मंदिर मॉडल का चित्र होगा।
यह जानकारी शुक्रवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने लखनऊ में आयोजित प्रेस वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि, अभी मंदिर की नींव को लेकर कुछ तकनीकी खामी आई है। गर्भ गृह के पश्चिम में सरयू नदी है। इसरो से हमने मानचित्र लिया है। वैज्ञानिकों ने उसका अध्ययन किया है कि जहां मंदिर प्रस्तावित हुआ है, वहां 2 हजार साल पहले सरयू का प्रवाह रहा होगा। जमीन के नीचे 200 फीट तक लूज सैंड है, इसलिए 1000 साल तक पत्थरों को सहन करने वाली नींव तैयार करने को लेकर IIT दिल्ली, चेन्नई, गुवाहटी, टाटा कंसलटेंसी, L&T सहित कई लोग अध्ययन कर रहे हैं। IIT दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष वीएस राजू इस टीम को लीड कर रहे हैं।
चंपत राय ने कहा कि राममंदिर गौरव और अस्मिता का मंदिर है। देश गुलामी की निशानियों को हराना चाहता है। हमारी पीढ़ियां गुलामी की याद न देखें, ये हमारी कोशिश है। पहले इस मंदिर को छोटा सा सोचा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 70 एकड़ जमीन ट्रस्ट के नाम कर दी तो अब इसे बड़ा रूप दिया जा रहा है। मंदिर तीन मंजिला होगा। मंदिर की लंबाई 360 फिट, चौड़ाई 265 फिट रहेगी। भूतल से शिखर की ऊंचाई 161 फिट होगी। पूरा मंदिर पत्थरों से बनेगा। 4 लाख क्यूबिक पत्थर लगाया जाएगा। साल 1990 से मंदिर निर्माण की तैयारी थी तो 70 से 75 हजार क्यूबिक हमारे पास पत्थर रखा है। लार्सन एंड ट्रूबो कंपनी मंदिर का काम कर रही है।
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