वाशिंगटन । चुनाव हार चुके अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) अपने परिवार को भविष्य में न्यायिक कार्रवाई से बचाने के लिए क्षमादान (pardoning) देने पर विचार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि हाल ही में उन्होंने इस बारे में अपने सलाहकारों से चर्चा भी कर ली है।
सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान ट्रंप ने कहा कि वह अपने तीनों बच्चों – डोनाल्ड ट्रंप जूनियर, एरिक ट्रंप और इवांका ट्रंप, (Donald Trump Jr., Eric Trump and Ivanka Trump) दामाद जरेड कुशनर और निजी वकील रूडी गिलियानी के खिलाफ अगले राष्ट्रपति जो बाइडन की संभावित कार्रवाई को लेकर चिंतित हैं।
यही वजह है कि पिछले हफ्ते खुद गिलियानी से भी उन्होंने इस मसले पर बात की है। हालांकि, अभी यह सामने नहीं आया है कि राष्ट्रपति इन लोगों को स्पष्ट तौर पर किन-किन मामलों में क्षमादान देना चाहते हैं। उधर, मीडिया में इस खबर के खुलासे के बाद ट्रंप ने ट्वीट कर इसे फर्जी करार दिया है।
डोनाल्ड ट्रंप जूनियर 2016 राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को सियासी नुकसान पहुंचाने के लिए रूसियों के संपर्क में रहने को लेकर विशेष अभियोजक रॉबर्ट मुलर की जांच के दायरे में रहे लेकिन उन पर कभी मुकदमा दर्ज नहीं हो पाया।
वहीं, कुशनर ने संघीय अधिकारियों को अपनी सुरक्षा मंजूरी के लिए विदेशियों से संपर्क को लेकर गलत जानकारी दी थी। लेकिन फिर भी राष्ट्रपति दफ्तर से उन्हें मंजूरी मिल गई थी। हालांकि, इवांका या एरिक ट्रंप के संभावित आपराधिक कृत्य को लेकर राष्ट्रपति की चिंता बहुत स्पष्ट नहीं है।
वैसे, ट्रंप संगठन की जांच कर रहे मैनहटन जिला अटॉर्नी ने अपना दायरा कंपनी द्वारा परामर्श शुल्क में करोड़ों डॉलर की कर छूट लेने तक बढ़ा दिया है। बताया जा रहा है कि इसमें से कुछ पैसा इवांका ट्रंप तक पहुंचा था।
उधर, गिलियानी के संभावित अपराध पर भी तस्वीर साफ नहीं है। वैसे, वह यूक्रेन में अपने व्यापारिक समझौतों को लेकर संघीय अभियोजकों की जांच के घेरे में रहे हैं। क्षमादान से जुड़े लेख प्रकाशित होने के बाद गिलियानी ने भी ट्विटर पर आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए इन्हें सरासर झूठा करार दिया है।
सूत्रों का कहना है कि व्हाइट हाउस में क्षमादान से जुड़ी अटकलें जोर-शोर से चल रही हैं। यह हलचल इस बात को भी रेखांकित करती कि राष्ट्रपति से जुड़े लोगों की जांच और आपराधिक अभियोजन को लेकर ट्रंप प्रशासन कितना हावी रहा है। इस बीच जानकारों का कहना है कि राष्ट्रपति क्षमादान के बावजूद राज्य और स्थानीय अपराधों में सुरक्षा नहीं मिलती।
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