वाशिंगटन । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प चुनाव के बाद आधिकारिक तौर पर पहली बार बुधवार को लोगों के सामने आए. यह राष्ट्रीय एकता के प्रतीक वेटरन्स डे का मौका था, हालांकि ट्रम्प जो बायडेन की जीत को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं. वे वॉशिंगटन में बरिश के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अर्लिंग्टन नेशनल कब्रिस्तान में एक समारोह में पहुंचे. चार दिन पहले ही अमेरिकी मीडिया ने उनके डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी के व्हाइट हाउस में जाने का रास्ता साफ होने की घोषणा की थी.
ट्रम्प ने चुनाव के परिणाम आने के बाद से ट्विटर के जरिए राष्ट्र को संबोधित नहीं किया है. वेटरन्स डे पर उन्होंने बयान जारी करके बाइडेन की जीत स्वीकार नहीं की, जबकि अमेरिकी चुनाव के बाद ऐसा करने की परंपरा है. वहीं, कोविड 19 के मामले में देश भर में रिकॉर्ड टूट रहे हैं और सर्दी आने से पहले कोरोना वायरस को रोकने के लिए नए प्रतिबंध लगाए गए हैं. ट्रम्प ने अर्लिंग्टन का काफी संक्षिप्त दौरा किया और उन्होंने राष्ट्रपति पद के सभी सामान्य कर्तव्य पूरे किए. उन्होंने कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की.
उधर, निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ लेने से एक महीने पहले ट्रंप प्रशासन द्वारा उठाए जाने वाले कदमों को लेकर पेंटागन में चिंता बनी हुई है. इस बात को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या ऐतिहासिक रूप से गैर राजनीतिक रही सेना का राजनीतिकरण करने का बृहद् प्रयास होगा? 20 जनवरी को नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण से पहले हालांकि नीतिगत निर्णयों में बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है. बहरहाल, चुनाव में हार स्वीकार करने से ट्रंप के मना करने के कारण सत्ता हस्तांतरण में बाधा आने की संभावना और बढ़ गई है.
यहां अब कार्यवाहक उपमंत्री जेम्स एंडरसन ने सुबह इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह सेना के सेवानिवृत्त जनरल एंथनी टाटा को नियुक्त किया गया. कुछ समय बाद ही नौसेना से सेवानिवृत्त वायस एडमिरल जोसफ करनन ने खुफिया विभाग के उपमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. करनन के स्थान पर एजरा कोहेन वाटनिक को नियुक्त किया गया है. इस तरह से अमेरिका में इस वक्त इस्तीफों का दौर भी ट्रंप की सत्ता जाने के बाद से लगातार देखने में आ रहा है।
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