वाशिंगटन। इस्राइल हमास युद्ध के बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एलान किया कि अगर वे राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो हमास का समर्थन वाले प्रवासियों को अमेरिका आने से रोक दिया जाएगा। इसी के साथ उन्होंने कहा कि सार्वजनिक तौर पर हमास का समर्थन करने वाले अप्रवासियों को गिरफ्तार करेंगे और देश में हमास के समर्थन में होने वाले विरोध प्रदर्शनों पर रोक लगाई जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप सोमवार को चुनावी अभियान के तहत अमेरिका के आयोवा पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर वे अमेरिका की सत्ता में आते हैं तो ऐसे किसी भी व्यक्ति को अमेरिका में प्रवेश नहीं दिया जाएगा, जो इस्राइल के अस्तित्व के अधिकार में विश्वास नहीं करता। हम उन विदेशी छात्रों के वीजा को भी रद्द करेंगे, जो यहूदी विरोधी मानसिकता का होगा। उन्होंने कसम खाई कि हम आतंकवाद से ग्रस्त देशों की अमेरिका यात्रा पर भी प्रतिबंध को बढ़ाएंगे।
बता दें, पिछली सरकार में ट्रंप ने मुस्लिम बहुल देशों के लोगों पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे निचली अदलात ने तो रद्द कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध को बरकरार रखा। बाद में बाइडन प्रशासन ने प्रतिबंध को पूर्ण रूप से हटा दिया था।
ट्रंप ने आगे कहा कि हम लीबिया, सोमालिया, सीरिया, यमन के साथ-साथ हमारे देश के लिए खतरा पैदा करने वाले किसी भी देश के लोगों को अमेरिका नहीं आने देंगे। ट्रंप ने वहां उपस्थित लोगों को एक कविता भी सुनाई, जिसमें उन्होंने ऐसे प्रवासियों की तुलना सांप से की। ट्रंप के इस बयान को डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के अध्यक्ष जैमे हैरिसन ने इस्लामोफोबिक और अतिवादी बताया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आयोवा में रिपब्लिकन राष्ट्रपति चुनाव की नामांकन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जिसमें राष्ट्रपति पद के अन्य उम्मीदवार भी शामिल हुए थे। इस दौरान सभी प्रतिद्वंदियों ने हमास की निंदा की और इस्राइल का समर्थन किया। हालांकि, किसी भी प्रतिद्वंदी ने हमास और हमास समर्थकों के खिलाफ इतने कड़े शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया।
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