नई दिल्ली (New Delhi)। सरकार (Government) ने नए टेलीकम्युनिकेशन बिल (new telecommunication bill) में यूजर के नाम (User name) को अनिवार्य नहीं बताने का फैसला लिया है। अब कॉल करने वाले के नाम की जानकारी नहीं मिलेगी। यह फैसला प्राइवेसी और डेटा ब्रीच की समस्या (Problem of privacy and data breach.) को हल करने के लिए लिया गया है। नए नियमों के तहत कंपनियों को यूजर के नाम की जानकारी नहीं दिखानी होगी। इससे Truecaller जैसे ऐप्स का यूज बढ़ सकता है।
स्मार्टफोन आने के साथ नए-नए फीचर्स भी यूजर्स को दिए जाते हैं। एक ऐसा ही फीचर है जिसमें यूजर को फोन नंबर के साथ कॉलर का नाम नजर आता है। लेकिन अब सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसमें कॉल करने वाले यूजर का नाम किसी को नजर नहीं आएगा। ये फैसला सरकार ने अपने नए टेलीकम्युनिकेशन बिल में लिया है। आप भी ये जानकर हैरान हो गए होंगे।
नए बिल में CNAP को अनिवार्य वाली लिस्ट से हटा लिया गया है। यानी अब ये पॉइंट अनिवार्य नहीं होगा। इस फीचर के तहत ही यूजर को कॉलर के नंबर के साथ नाम भी दिखाई देता है। लेकिन अब इस नियम को बदल दिया गया है तो नंबर के साथ नाम नजर नहीं आएगा। ये नियम सभी कंपनियों के लिए एक जैसा था। लेकिन अब ये लिस्ट से हटा लिया गया है।
क्यों हटाया गया?
हालांकि इसको लेकर सरकार की तरफ से कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन प्राइवेसी और डेटा ब्रीच को लेकर लगातार नए नियमों पर काम किया जा रहा है। ये नियम भी इसी के तहत लाया गया है। दरअसल इससे डेटा ब्रीच की समस्या बनी रहती थी। कंपनियां नाम भी दर्शाती थीं तो यूजर की प्राइवेसी भी भंग होती थी। अब नेटवर्क कंपनियां किसी भी यूजर का नाम नहीं दिखा पाएंगी।
Truecaller होगा बंद?
बता दें, सरकार का ये फैसला Truecaller से संबंधित नहीं है। जबकि Truecaller का यूज बढ़ सकता है। क्योंकि लोग अब इसकी वजह से अन्य ऐप्स का ज्यादा इस्तेमाल करने लगेंगे। इसकी मदद से यूजर की जानकारी भी आसानी से हासिल की जा सकती है। साथ ही फिलहाल Truecaller का यूज करने के लिए कोई भुगतान भी नहीं करना होता है। यही वजह है कि इसे काफी लोग यूज भी करते हैं। यानी ये पूरी तरह से सरकार के द्वारा लिया गया फैसला है।
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