नई दिल्ली (New Delhi)। खालिस्तानी (Khalistani)आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar)की हत्या के बाद कनाडा भारत (canada india)को अपनी हेकड़ी(arrogance) दिखाना चाहता था। दरअसल उसे फाइव आइज ग्रुप पर भरोसा था। हालांकि बेबुनियाद दावे करने के बाद भी कनाडा निज्जर की हत्या को लेकर कोई सबूत नहीं जुटा पाया। निज्जर की हत्या को 9 महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है। भारत अपने रुख पर शुरू से ही कायम है। भारत ने हर बार कहा कि अगर कनाडा जरूरी सबूत देता है तो जांच में उसका सहयोग किया जाएगा। हालांकि आज तक इसपर कनाडा कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया। अब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की हेकड़ी भी गुम होती नजर आ रही है। उन्होंने कहा है कि निज्जर की हत्या के तह तक जाने के लिए कनाडा भारत के साथ मिलकर रचनात्मक काम करने को तैयार है।
कनाडा के रुख से स्पष्ट है कि जस्टिन ट्रूडो ने अपने देश की राजनीति में छोटा फायदा तलाशने के लिए भारत पर बेबुनियाद आरोप लगा दिए थे। ट्रूडो ने कहा था कि निज्जर की हत्या में भारत के अधिकारियों का हाथ है। इसके बाद दोनों देशों में तनातनी इतनी बढ़ गई कि एक दूसरे के राजनयिकों को वापस कर दिया गया। वहां खालिस्तान समर्थकों ने भारत के दूतावास पर हमला किया। दोनों देशों के बीच संबंध अब भी सामान्य नहीं हो पाए हैं।
बता दें कि बीते साल जून में सूरी के एक गुरुद्वारे में निज्जर की अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी थी। एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए ट्रूडो ने कहा, कनाडा चाहता है कि प्रॉपर जांच हो और कानून का उल्लंघन ना किया जाए। उन्होंने कहा, हम भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं ताकि मामले के तह तक पहुंचा जा सके। हमें समझना है कि आखिर यह कैसे हो सकता है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि कनाडा की धरती पर फिर कभी विदेशी दखल ना हो।
ट्रूडो के इस बयान के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। उन्होंने कहा, भारत पहले हीकह चुका है कि अगर पुखात सबूत मिलेंगे तो जांच में पूरा सहयोग किया जाएगा। हालांकि आज तक कोई सबूत नहीं दिया गया है, केवल निराधार दावे किए गए हैं। उन्होंने कहा, हमें सावधान रहना है क्योंकि कनाडा में कट्टरवादियों को जगह दी जा रही है और राजनीति का खेल खेला जा रहा है।
निज्जर की हत्या के 9 महीने बीतने के बाद भी इस मामले में ना तो कई गिरफ्तारी हुई है और ना ही कोई सबूत दिया गया है। वहीं खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत कही हत्या की साजिश के मामले में अमेरिका से जो इनपुट मिले थे उसको लेकर भारत ने एक उच्चस्तरीय टीम बनाई थी। भारत सरकार ने जांच के बारे में कोई आधिकारिक बयान हीं दिया है। बताया गया है कि एक अधिकारी को भारत ने खुफिया एजेंसी से हटाया था।
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