गुजरात के शहर सूरत में एक दर्दनाक हादसा हुआ है। सूरत के पिपलोद गांव में एक डंपर ने सड़क किनारे सो रहे 18 लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई है। इनमें 14 लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था, जबकि 1 मज़दूर की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। बाकी 6 लोगों का इलाज चल रहा है।
बताया जा रहा है कि हादसा देर रात क़रीब 12 बजे के आसपास हुआ था। गन्ने से भरे एक ट्रैक्टर से टक्कर के बाद एक ट्रक नियंत्रण खोकर सड़क किनारे सो रहे लोगों पर चढ़ गया था। इस हादसे में मरने वालों में 8 पुरुष, 5 महिलाएं और 2 बच्चे शामिल हैं। ये सभी लोग ग़रीब मज़दूर थे। ये सभी प्रवासी मज़दूर राजस्थान से थे, जो निर्माण कार्य करते थे।
सूरत की पुलिस अधीक्षक (एसपी) उषा राडा ने बताया कि, ये ट्रक किम से मांडवी जा रहा था। ट्रक ने तड़के किम-मांडवी रोड के किनारे सो रहे मज़दूरों को कुचल दिया था। गन्ने से लदे एक ट्रैक्टर और ट्रक के बीच टक्कर इतनी भयंकर थी कि ट्रक सड़क के दूसरी ओर जा पहुंच गया था और सड़क किनारे सो रहे मज़दूरों को अपनी चपेट में ले लिया। फिलहाल ट्रक चालक को गिरफ़्तार कर लिया गया है।
इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताते हुए ‘प्रधानमंत्री राहत कोष’ से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हज़ार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। PM India ने एक ट्वीट करते हुए लिखा, ‘सूरत के ट्रक हादसे में हुई मौतें दुखद हैं। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
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