मुंबई। फर्जी टीआरपी केस में पिछले महीने कुछ आरोपियों की रिमांड के दौरान क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU ) ने कुछ चैनलों के मालिकों/चालकों और/ या इससे संबंधित लोगों को वॉन्टेड (पाहिजे आरोपी) दिखाया था। उनमें रिपब्लिक चैनल का भी नाम था। मंगलवार को जब रिपब्लिक टीवी के डिस्ट्रीब्यूशन हेड और असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट घनश्याम सिंह को गिरफ्तारी के बाद किला कोर्ट में पेश किया गया, तब भी CIU ने न्यूज नेशन और महामूवी चैनल के साथ-साथ रिपब्लिक टीवी के मालिक /चालक और/ या संबंधित व्यक्ति को फिर वॉन्टेड दिखाया । CIU ने रिमांड अप्लीकेशन में लिखा कि अब वॉन्टेड आरोपी की डिटेल में जांच की जाएगी।
CIU ने इस केस में अब तक जो 12 आरोपी गिरफ्तार किए हैं, उनमें अभिषेक कोलवणे और आशीष चौधरी के नाम भी हैं। आशीष चौधरी ने अप्रूवर बनने की इच्छा के तहत CIU को पिछले सप्ताह अर्जी भी दी है। CIU ने घनश्याम सिंह की मंगलवार की रिमांड अप्लीकेशन में कहा कि अभिषेक कोलवणे ने जनवरी से जुलाई, 2020 के बीच आशीष चौधरी के अधिकृत परिसर में घनश्याम सिंह से 15 लाख रुपये रिसीव किए। अभिषेक कोलवणे को हवाला से भी रकम मिली। इस रकम में से कुछ राशि इस केस में गिरफ्तार दूसरे आरोपियों रामजी वर्मा, दिनेश विश्वकर्मा और उमेश मिश्रा को दी गई। CIU ने कुछ दिनों पहले अभिषेक कोलवणे के ठिकानों पर सर्च किया था। उसमें 11.72 लाख रुपये वहां से जब्त किए गए थे। खास बात यह है कि घनश्याम सिंह की तरह अभिषेक कोलवणे और आशीष चौधरी का भी पोस्टल अड्रेस ठाणे का ही है।
कोर्ट ने 13 नवंबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा
CIU का कहना है कि घनश्याम सिंह ने अभिषेक कोलवणे को नकद रकम दी थी। CIU का यह भी कहना है कि अभिषेक चौधरी ने जांच टीम को जो बयान दिया है, उसमें कहा गया है कि उसे रिपब्लिक टीवी और रिपब्लिक भारत की टीआरपी बढ़ाने के लिए दो लाख रुपये नकद मिले थे। इसलिए अभिषेक चौधरी के दावे को वेरिफाई करने के लिए भी CIU ने मैजिस्ट्रेट से घनश्याम सिंह की रिमांड मांगी। CIU के अनुसार, इस फंड का सोर्स पता करना और उसकी जांच करनी जरूरी है, इसलिए हमें घनश्याम सिंह की हिरासत में पूछताछ करनी जरूरी है। यहां बताना जरूरी है कि घनश्याम सिंह से CIU अतीत में कई बार पूछताछ कर चुकी है। मैजिस्ट्रेट ने घनश्याम सिंह को 13 नवंबर तक CIU कस्टडी में भेज दिया है।
CIU कर रही मामले की तह तक जांच
CIU ने रिमांड अर्जी में यह भी लिखा कि घनश्याम सिंह ARG Outlier Media Pvt के डिस्ट्रीब्यूशन हेड हैं। रिपब्लिक टीवी और रिपब्लिक भारत इसी कंपनी से जुड़े हैं। वह डायरेक्ट टू होम (DTH) और मल्टी सिस्टम ऑपरेटर्स (MSOs) से सीधे संपर्क में थे। हमें इन ऑपरेटर्स की जानकारी के लिए भी घनश्याम सिंह का इंट्रोगेशन करना जरूरी है। CIU ने मंगलवार को किला कोर्ट को यह भी सूचित किया कि उनकी जांच में इंडिया टुडे न्यूज चैनल के खिलाफ कुछ भी पाया नहीं गया है। इस संबंध में एक महिला गवाह के स्टेटमेंट का हवाला दिया गया है। इस गवाह ने कहा कि उसने इंडिया टुडे का कभी भी नाम नहीं लिया, क्योंकि उसके पैकेज में यह चैनल नहीं था।
आतंकवादियों जैसे बर्ताव का आरोप
घनश्याम सिंह की गिरफ्तारी पर रिपब्लिक भारत चैनल ने ट्वीट कर नाराजगी जाहिर की। चैनल ने पुलिस पर आतंकवादियों जैसा बर्ताव करने का आरोप लगाया। उसने लिखा कि अस्टिटेंट वाइस प्रेसिडेंट घनश्याम का चेहरा काले कपड़े में ढंककर कोर्ट में पेश किया गया।
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