उज्जैन। पंचायत चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए कल वोटिंग होना है। इससे पहले आरटीओ ने मांग के अनुरूप वाहनों को अधिग्रहित कर लिया था। कल इन्हें इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में खड़ा कर दिया गया था और आज सुबह से यह वाहन मतदान दलों को लेकर निर्वाचन क्षेत्रों की ओर रवाना होने लगे हैं। इधर बसें अधिग्रहित होने से यात्रियों के साथ-साथ छात्रों की भी परेशानी शुरु हो गई है। उल्लेखनीय है कि जिले में कल 25 जून से पहले चरण का पंचायत चुनाव हेतु मतदान होना है। इसके तहत बडऩगर और उज्जैन विकासखंड के अंतर्गत जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच व पंच पदों के लिए चुनाव में खड़े हुए उम्मीदवारों हेतु मतदाता मतदान करेंगे। इन केन्द्रों पर मतदान दलों को सामग्री सहित पहुँचाने के लिए निर्वाचन आयोग ने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से आवश्यकता के अनुरूप बसें और वाहन अधिग्रहित करने के लिए कहा था। आरटीओ संतोष मालवीय ने बताया कि कल उज्जैन तथा बडऩगर विकासखंड के अंतर्गत आने वाली पंचायतों में 185 बसें तथा 40 चौपहिया वाहन की माँग की गई थी। इन वाहनों को विभाग द्वारा कल शाम को ही इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में खड़ा कर जिला प्रशासन के सुपुर्द कर दिया गया था। यह वाहन आज सुबह से मतदान दलों को लेकर निर्धारित केन्द्रों की ओर रवाना हो रहे हैं। इनमें स्कूल और यात्री दोनों तरह की बसें शामिल हैं। इधर स्कूल और यात्री बसें अधिग्रहित होने के बाद आज सुबह से ही खासकर अंचल के रूटों पर चलने वाली यात्री बसों की कमी साफ नजर आ रही है। देवासगेट बस स्टैण्ड में भी आज सुबह आम दिनों की अपेक्षा अलग-अलग रूटों पर चलने वाली बसें कम नजर आ रही थी। इधर आरटीओ ने श्री मालवीय ने बताया कि यह सारे वाहन 25 जून की शाम मतदान पूरा होने के बाद से वापस लौटने लगेंगे। इधर स्कूल बसों के अधिग्रहण के कारण भी आज कई स्कूलों की बसें बच्चों को लेने नहीं पहुँच पाई। हालांकि स्कूल प्रबंधन द्वारा इसकी जानकारी परिजनों को पहले से दे दी गई थी। इसी के चलते आज पालकों को स्कूल बस की बजाय बच्चों को स्कूल तक स्वयं छोडऩे जाना पड़ा। इधर जिन रूटों की बसें आज नहीं चल रही वहाँ के लिए यात्रियों को 10 की बजाय ट्रेन से यात्रा करनी पड़ी। फजीहत उन यात्रियों की हो रही है जिनके गंतव्य के मार्ग में ट्रेनें नहीं चलती।
4 से 6 जुलाई के बीच फिर बनेगी ऐसी स्थिति
आज से तीन दिनों तक जो स्थिति बन रही है, वही आगामी निगम चुनाव के चलते 4 से 6 जुलाई के बीच भी बनेगी। इस दौरान सैकड़ों वाहनों को चुनाव कार्य के लिए अधिग्रहित किया जाएगा। इसके चलते एक बार फिर स्कूल, छात्र, पालक और यात्री परेशान होंगे, जिसका कोई विकल्प भी नहीं है।
कई बच्चों को मजबूरन करना पड़ रही तीन दिन छुट्टी
बसों के अधिग्रहण के कारण जहां स्कूलों ने बच्चों को छोडऩे और ले जाने की जिम्मेदारी पालकों पर डाल दी है, वहीं पालकों के लिए अपने काम छोड़कर बच्चों के आने-जाने की व्यवस्था करना चुनौती बन गया है। इसे लेकर कई पालकों ने स्कूल प्रबंधन के सामने कड़ी आपत्ति भी दर्ज करवाई है, वहीं कई के पास समय और वाहन की व्यवस्था न हो पाने के कारण मजबूरन तीन दिनों की छुट्टी की बात भी कही है।
रूट की बसें लेने से यात्री भी परेशान
एक ओर जहां स्कूलों की बसें लिए जाने से बच्चे और पालक परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर रूट्स से भी बसों का अधिग्रहण किए जाने से यात्री भी परेशान हैं। कल शाम से 100 से ज्यादा विभिन्न रूटों पर चलने वाली यात्री बसों को अधिग्रहित कर खड़ा करा लिया गया था और इसके चलते आज आंचलिक क्षेत्रों की ज्यादातर बसें नहीं मिलने से सुबह से यात्री परेशान होते देखे गए।
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