भोपाल: मध्य प्रदेश के भोपाल (Bhopal suicide) में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है. पिपलानी थाना इलाके में आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक ही परिवार के पांच लोगों ने जहर खाकर जान देने की कोशिश (Family Consume Poison) की. इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई वहीं तीन लोग अब भी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं.
बताया जा रहा है कि दो लड़कियों ने जहर खाने से पहले सुसाइड नोट भी छोड़ा है. इस नोट में दोनों बेटियों ने किसी बबली नाम की महिला का जिक्र किया है. बताया गया है कि परिवार ने उस महिला से पैसे उधार लिए थे.
हैरान करने वाली बात ये है कि सुसाइड नोट (Suicide Note) दीवार पर लिखने के साथ ही दोनों लड़कियों ने एक कागज और वाट्सएप पर भी छोड़ा है. पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक पीड़ित परिवार उधार लिए गए पैसों का काफी ब्याज चुका चुका था लेकिन पैसा अभी भी वापस करना बाकी रह गया था.
पीड़ितों का घर भी गिरवी रखा हुआ था. वहीं पैसा वापसी के लिए उनके घर पर लगातार तकादा किया जा रहा था. पैसा न होने से परेशान परिवार ने आत्महत्या (Family Tried To Suicide) करने का मन बना लिया. इसीलिए सभी ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की. पीड़ित परिवार ने अपनी जान देने के साथ ही अने दो कुत्तों और एक चूहे को भी जहर देकर मार दिया.
कर्ज न लौटा पाने से परेशान परिवार ने खाया जहर
आर्थिक तंगी से जूझ रहा परिवार कर्ज वापस न लौटा पाने से इतना मजबूर हो गया कि उन्हें जान देने के अलावा दूसरा कोई और रास्ता नहीं सूझा. पैसे देने वाले लेग लगातार उनके घर पर कर्ज वापस लेने के लिए आ रहे थे. लेकिन पीड़ित परिवार के पास वापस लौटाने के लिए रकम ही नहीं थी.
इस जिल्लत से परेशान होकर परिवार इतना टूट गया कि उन्हें सुसाइड के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं सूझा. एक ही परिवार के पांच लोगों ने जहर खा लिया. जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन तब तक दो लोगों की मौत हो चुकी थी. वहीं तीन लोग अब भी जिंदगी और मौत के बीच अस्पताल में झूल रहे हैं.
परिवार की दो बेटियों ने वाट्सएप पर अलग-अलग सुसाइड नोट टाइप किए और अपने रिश्तेदारों को भेज दिए. जहर खाने वालों में 48 साल के संजीव जोशी, 42 साल की अर्चना, 19 साल की गिरिश्मा, 14 साल की पूर्वी और 75 साल की नंदिनी जोशी शामिल हैं. इनमें पूर्वी और गिरिश्मा की मौत हो चुकी है. बाकी तीनों अस्पताल में भर्ती हैं.
रकम से तीन गुना ज्यादा हो गया था ब्याज
शुरुआती जांच के मुताबिक अर्चना जोशी ने पिंकी और बबली नाम की दो महिलाओं से दुकान के कामके लिए करीब एक लाख रुपये उधार लिए थे. ब्याज लगातर उनकी रकम तीन लाख रुपये से ऊपर हो चुकी थी.
कोरोना काल में नुकसान की वजह से उन्हें अपना घर गिरवी रखना पड़ा. जिसकी वजह से उनकी आर्थिक हालत और भी खराब हो गई थी. कहीं से भी मदद न मिलता देखकर पीड़ित परिवार ने आत्महत्या करने का मन बना लिया.
सुसाइड नोट में दोनों बच्चों ने अपने रिश्तेदारों पर भी नाराजगी जाहिर की है. दोनों लड़कियों ने अपने सुसाइड नोट में सपनों का जिक्र करते हुए कहा कि एक बच्ची साइंटिस्ट और एक बच्ची फैशन डिजाइनर बनना चाहती थी, लेकिन दोनों के सपने टूट गए हैं. इस नोटके सामने आने के बाद पुलिस अब हर एंगल से जांच कर रही है.
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