जयपुर (Jaipur) । राजस्थान (Rajasthan) के सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद (Chief Minister post) को लेकर एक बार फिर पेच फंसा दिया है। सीएम गहलोत ने संकेत दिए है कि चौथी बार भी वहीं सीएम बनेंगे। सियासी जानकार गहलोत का निशाना कहीं और नजरें कहीं वाला दांव मान रहे हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट होती है तो एक बार मुख्यमंत्री को लेकर बवाल कटेगा। क्योंकि सीएम गहलोत के अब तक संकेतों से तो यही लगता है कि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के निर्णय से पीछे नहीं हटेंगे। जबकि सचिन पायलट (Sachin Pilot) मुख्यमंत्री पद से किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहते हैं। पायलट ने साफ कह दिया है कि सीएम कौन बनेगा, इसका निर्णय लीडरशिप करेगी।
चुनाव से पहले खुद को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया
सियासी जानकारों का कहना है कि गहलोत ने चुनाव से पहले खुद को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। कांग्रेस आलाकमान देखता ही रह गया। कांग्रेस के प्रवक्ता ने गहलोत ने गहलोत के बयान का किसी तरह का खंडन भी नहीं किया है। जबकि गहलोत ने चौथी बार सीएम बनने की बात कही थीं, तो उनके पास में ही पवन खेड़ा मौजूद थे। हालांकि, बाद में गहलोत ने ही अपनी बात को संभाल लिया और कहा कि वह तो मजाक में कह रहे हैं।
सुलह के बाद भी पहली सूची अटकी
राजस्थान में चुनाव से समय गहलोत औऱ पायलट के बीच सुलह हो गई है। लेकिन अंदरुनी तौर पर खटास बरकरार है। यही वजह है कि प्रियंका गांधी की जनसभा के बाद भी कांग्रेस की लिस्ट जारी नहीं हुई है। पहले कयास लगाए जा रहे थे कि प्रियंका गांधी की जनसभा के बाद पहली सूची आ जाएगी। क्योंकि सबकुछ फाइनल हो गया है। लेकिन कुछ सीटों को लेकर पेच फंसा हुआ है। सियासी जानकारों का कहना है कि यदि गहलोत-पायलट में सब कुछ ठीक है तो फिर लिस्ट क्यों अटक गई है। बीजेपी दूसरी लिस्ट जारी करने की तैयारी में है। जबकि कांग्रेस की पहली सूची का इंतजार है।
गहलोत-पायलट को खुश करने के लिए हर शर्ते मान ली
सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान को जीतने के लिए कांग्रेस आलाकमान बेहद गंभीर है। यही वजह है कि गहलोत-पायलट गुट को खुश करने के लिए पार्टी आलाकमान ने हर शर्ते मान ली है। अब तक जो संकेत मिले हैं उसके मुताबिक बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों औऱ निर्दलीय विधायकों के टिकट कंफर्म है। सीएम गहलोत कहते रहे हैं कि जिन विधायकों ने उनकी सरकार बचाई थी। वे उनका हमेशा ऋणी रहेंगे। हमारे विधायक 10-10 करोड़ रुपये के लालच में नहीं आए है। जबकि दूसरी तरफ पायसट के साथ गुड़गांव में कैंप करने वाले विधायकों को भी टिकट मिलने के आसार है।
सियासी जानकारों का कहना है कि दोनों ही नेताओं से जुड़े विधायकों के खिलाफ जबर्दस्त एंटी इंकमबेंसी है। स्थानीय स्तर पर विरोध हो रहा है। इसके बावजूद कांग्रेस आलाकमान ने उनके नाम की हरी झंडी दे ही है। हालांकि, लिस्ट जारी होने के बाद ही सही तस्वीर सामने आ पाएगी। लेकिन मिले संकेतों के अनुसार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन ख़ड़गे गहलोत-पायलट को नाराज भी नहीं करना चाहते हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved