नई दिल्ली (New Delhi)। तेलंगाना कांग्रेस (Telangana Congress) में शुरू हुआ संकट जल्दी शांत होता नजर नहीं आ रहा है। खबर है कि राज्य के नए प्रभारी मणिकराव ठाकरे (Manikrao Thakre) की कोशिशों के बाद भी गुटबाजी (groupism) का दौर खत्म नहीं हो सका है। हाल ही में पार्टी ने प्रदेश प्रभारी बदला था। इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्वियजय सिंह (Digvijay Singh) भी हैदराबाद पहुंचकर नेताओं से मिले थे। तेलंगाना कांग्रेस के कई नेता प्रदेश अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी (A Revanth Reddy) के काम करने के तरीकों पर सवाल उठा चुके हैं।
ठाकरे ने रेड्डी और उनके विरोधी खेमे के बीच जारी गुटबाजी को शांत करने के लिए नेताओं से चर्चा की, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ कई वरिष्ठ नेताओं का विरोध जारी रहा। सभी रेड्डी के काम करने के तरीकों पर सवाल उठा रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि 26 जनवरी को रेड्डी की पदयात्रा को समर्थन देने से कई नेता पीछे हट रहे हैं।
चुनाव के से पहले कांग्रेस के लिए मुश्किलें
2024 लोकसभा चुनाव और उससे पहले 2023 में तेलंगाना में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में गुटबाजी कांग्रेस के लिए चिंताएं बढ़ा सकती है। एक ओर जहां सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के साथ मिलकर रफ्तार बढ़ा रही है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में कांग्रेस से मुख्य विपक्षी दल का दर्जा भी छीन लिया है।
रेड्डी के अलावा ठाकरे ने मल्लू भाटी विक्रमार्क, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी, रेणुका चौधरी, वी हनुमंत राव, मोहम्मद अली शब्बीर और अंजन कुमार यादव समेत कई नेताओं से भी मुलाकात की है। खबर है कि इनमें से कुछ नेताओं ने 10 दिसंबर को तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (TPCC) में हुए बदवाव पर सवाल उठाए हैं।
वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि कई पदों पर रेड्डी के ऐसे समर्थकों को मौका दिया गया, जो दूसरी पार्टियों से आए हैं। जबकि, दशकों से कांग्रेस के लिए काम करने वालों को नजरअंदाज कर दिया गया। इन आरोपों को देखते हुए रेड्डी के करीबी माने जाने वाले 12 पीसीसी सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) ने इस्तीफा मंजूर नहीं किया है।
TPCC में हो सकते हैं बदलाव
कहा जा रहा है कि दोनों गुटों की बातें सुनने के बाद ठाकरे टीपीसीसी राजनीतिक मामलों की समिति में बदलाव की मांग कर सकते हैं। साथ ही वह नाराज चल रहे कुछ नेताओं को भी इसमें शामिल करने की बात कर सकते हैं। उन्होंने नेताओं से एकजुट रहने की अपील की है।
पदयात्रा होगी अहम
नेताओं के साथ बैठकों में ठाकरे ने विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर भी चर्चा की है। उन्होंने कांग्रेस के लिए नेताओं से एकजुट रहने और रेड्डी की पदयात्रा को समर्थन देने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि पदयात्रा को मिली प्रतिक्रिया राज्य में कांग्रेस की स्थिति के संकेत दे सकती है।
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