लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ (Lucknow, Uttar Pradesh) का महिलाबाद (Mahilabad) शुक्रवार को गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा. मलिहाबाद के मोहम्मदनगर (Mohammadnagar of Malihabad) गांव में थार गाड़ी पर सवार होकर आए दबंगों ने जमीनी विवाद में जमकर फायरिंग (Firing in land dispute) की. फायरिंग में एक महिला सहित तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. गांव में दहशत फैलाने के बाद आरोपी दबंग फरार हो गए. आनन-फानन घायलों के परिजन तीनों को मलिहाबाद CHC ले गए, जहां एक की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि दो को गंभीर हालत में लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया. रास्ते में इन दोनों घायलों की भी मौत हो गई.
परिवार के तीन सदस्यों की मौत की खबर से सदमे में आए एक व्यक्ति को हार्ट अटैक आ गया. आनन-फानन में उसे भी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जहां उसकी भी हालत गंभीर बनी हुई है. वहीं वारदात की सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक टीम महिलाबाद CHC और एक टीम जांच-पड़ताल करने गांव पहुंची. CHC में परिजनों और ग्रामीणों का हंगामा होते देख अन्य थानों की पुलिस फोर्स को बुलाना पड़ा. फिलहाल पुलिस मौके पर परिजनों और ग्रामीणों को समझाने-बुझाने का प्रयास कर रही है.
मृतकों में ताज खां (55), फरहीन पत्नी फरीद खान (40) और हलदा पुत्र फरीद (20) हैं. बताया जा रहा है कि दबंगों ने जब फायरिंग की तो फरीद के बेटे हलदा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि ताज खां और फरीद की पत्नी फरहीन ने लखनऊ ट्रामा सेंटर ले जाते समय दम तोड़ दिया. परिवार के तीन सदस्यों की मौत से सदमे में आए फरीद को हार्ट अटैक आ गया. गंभीर हालत में उसे महिलाबाद CHC में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया. फरीद की भी हालत गंभीर बनी हुई है.
जानकारी के मुताबिक, दबंगों ने जमीन की नाप-जोख के समय इस गोलीकांड को अंजाम दिया. मौके पर लेखपाल भी मौजूद था. सवाल ये उठता है कि नाप-जोख के समय दबंग हथियार लेकर कैसे पहुंच गए, हथियार के साथ आए दबंगों को देखकर लेखपाल ने पुलिस और उच्चाधिकारियों को बुलाना उचित क्यों नहीं समझा, जबकि देवरिया कांड के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त आदेश दिए थे कि जमीन के किसी भी विवाद या नाप-जोख में पुलिस के आलाधिकारी के साथ SDM, लेखपाल सभी मौजूद रहेंगे.
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