भोपाल। राजधानी में अनलॉक के बाद खुदकुशी के मामलों में तीन गुना तक इजाफा हो गया है। पुलिस जांच में यह चौंकाने वाले तथ्य सामने आया है कि अधिकतर लोग आर्थिक तंगी के चलते जान दे रहे हैं। जानकारों का मानना है कि कोरोना संक्रमण कॉल में अधिकतर लोगों के काम धंधे चौपट हो चुके हैं। कर्ज से बचने लोग मौत को गले लगा रहे हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार कोरोना की दस्तक के पूर्व इस साल एक जनवरी से 21 मार्च तक कुल 81 दिनों में 72 लोगों ने आत्महत्या की थी। कोरोना के चलते 24 मार्च से देशव्यापी लॉक डाउन लागू किया गया। जो 31 मई तक चला, एक जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई। इस तरह लॉकडाउन से अब (15 सितंबर )तक कुल 172 दिनों में 230 लोगों ने खुदकुशी कर ली है। वहीं लॉकडाउन के 71 दिनों के दौरान कुल 58 लोगों ने जान दी थी। इस प्रकार पहले की तुलना में अनलॉक के बाद सुसाइड करने वालों की संख्या में तीन गुना तक बढ़ गई है। अधिकतकर मामलों में खुदकुशी का करण आर्थिक तंगी सामने आ रहा है। उल्लेखनीय है कि रतनपुर रेलवे फ ाटक के पास सोमवार को खुमान सिंह पिता मानसिंह (45) वार्ड नंबर-1 मंडीदीप की लाश पड़ी मिली थी। खुमान ने ट्रेन से कटकर खुदकुशी की थी। परिजनों के मुताबिक खुमान सिंह ने मंडीदीप में जूते-चप्पल की दुकान बैंक से कर्ज लेकर खोली थी। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि जीएसटी चुकाना पूर्व में ही भारी पड़ रहा था और दुकान बंद होने के कारण लोन भी जमा नहीं कर पा रहा। जिससे तंग आकर जान दे रहा हूं।
जून – 50
जुलाई – 54
अगस्त – 37
सितंबर – 24
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved