नई दिल्ली: चीन वायरस फैलाने वाला देश बनता चला जा रहा है, जो दुनिया को तबाह कर सकता है. अब यहां कोरोना के बाद इन्फ्लुएंजा और नोरावायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. चीन के बीजिंग सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल विभाग की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि इन्फ्लुएंजा के मामले कोरोना वायरस से आगे निकल गए हैं और बीजिंग में सबसे खतरनाक वायरस बन गया है क्योंकि देश भर में इन्फ्लुएंजा का पॉजिटिविटी रेट बढ़ रहा है.
इसने इस बात पर चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि क्या चीन के शहरों में पिछले वर्षों की तुलना में इन्फ्लुएंजा का प्रकोप होगा और क्या COVID-19, इन्फ्लुएंजा, और नोरावायरस मिलकर तबाही मचाएंगे? बीजिंग सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के आंकड़ों से पता चलता है कि इन्फ्लुएंजा ने 13 फरवरी से 19 फरवरी के बीच बीजिंग में कहर बरपाने वाले कोरोनवायरस को पीछे छोड़ दिया है. इस बीच, चीन के तियानजिन, हांग्जो सहित कई शहरों के स्कूलों में कई बार छात्रों की क्लासेस को इन्फ्लुएंजा के फैलने के चलते बंद करना पड़ा है.
23 फरवरी को इन्फ्लुएंजा पर चाइना सीडीसी वीकली रिपोर्ट से पता चला कि देश में इन्फ्लुएंजा की पॉजिटिविटी रेट पिछले सप्ताह की तुलना में लगातार बढ़ रही है. इन्फ्लूएंजा ए (एच1एन1) टाइप इन्फ्लुएंजा के कुल सैंपलों का 71 फीसदी है, जोकि सबसे ज्यादा फीसदी है. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पेकिंग यूनिवर्सिटी फर्स्ट हॉस्पिटल के एक श्वसन विशेषज्ञ वांग गुआंगफा ने कहा, “इस मौसम में इन्फ्लुएंजा के प्रसार को देखना कोई आश्चर्य की बात नहीं है, खासकर जब आजकल सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना कम हो गया है, जोकि इन्फ्लुएंजा के प्रसार के लिए एक आधार है.”
पिछले 3 सालों में इन्फ्लुएंजा कम फैला- डॉक्टर
उन्होंने कहा कि तीन सालों में कोविड-19 की रोकथाम और नियंत्रण उपायों के चलते इन्फ्लुएंजा कम फैला है. इसी अवधि में पिछले सालों की तुलना में वायरस के फैलने की तीव्रता इस साल भी अपने निम्न स्तर पर है. शूनी में बीजिंग हॉस्पिटल ऑफ ट्रेडिशनल चाइनीज मेडिसिन के बाल रोग विशेषज्ञ झोउ यिशान पिछले दिनों इन्फ्लुएंजा से संबंधित मामलों को संभालने में व्यस्त रहे हैं. झोउ ने लाइफ वीक को बताया कि हालांकि उनके विभाग में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन यह ज्यादा नहीं है.
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