कोलकाता । तृणमूल कांग्रेस के (Trinamool Congress’s) राज्यसभा सदस्य (Rajyasabha Member) लुइजिन्हो फ्लेरियो (Luizinho Flerio) ने पद से इस्तीफा दे दिया (Resigned from Post) । गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री ने पुष्टि की कि उन्होंने अपना इस्तीफा उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को सौंप दिया है। उन्होंने राज्यसभा सदस्य के पद से इस्तीफा देने के बाद तृणमूल कांग्रेस छोड़ने का भी संकेत दिया।
भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लेने के एक दिन बाद मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस को फ्लेरियो के इस्तीफे से एक और झटका लगा है। फ्लेरियो ने कई सवाल पूछे जाने पर एक ही प्रतिक्रिया देते हुए जवाब दिया, मुझे देखने दो, हालांकि, उन्होंने उन कारणों के बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया, जिनकी वजह से उन्होंने इतना बड़ा कदम उठाया। राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल 2026 में समाप्त होना था।
सितंबर 2021 में, यानी उस साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के महीनों बाद लुइजिन्हो फ्लेरियो कोलकाता में एक कार्यक्रम में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। उस समय पश्चिम बंगाल से राज्यसभा की एक सीट पूर्व सदस्य और अभिनेता से नेता बनी अर्पिता घोष के इस्तीफे के बाद खाली हो गई थी।
फ्लेरियो ने तृणमूल कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ा और नवंबर 2021 में संसद के ऊपरी सदन के लिए चुने गए। उन्हें तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद की पेशकश भी की गई। हालांकि, 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व और लुइजिन्हो फ्लेरियो के बीच मतभेद शुरू हो गए, जब इस तटीय राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। तब से मतभेद बढ़ने लगे और फ्लेरियो को लगभग दरकिनार कर दिया गया।
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