कोलकाता। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में बांग्ला भाषा के विकास अथवा राष्ट्रीय स्तर पर इसके प्रचार-प्रसार के लिए कुछ भी नहीं किया गया है।
उन्होंने पत्रकारसे कहा कि क्या उन्होंने जमीनी स्तर पर बंगाली भाषा का ठेका लिया है? अगर आज बंगाली एक शास्त्रीय भाषा नहीं है, तो इसके लिए पार्थ चटर्जी (राज्य के शिक्षा मंत्री) पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। सवाल यह होना चाहिए कि उन्होंने बंगाली भाषा के लिए क्या किया है? बंगाली को शास्त्रीय भाषा बनाने के लिए उन्होंने क्या किया है? यह बलपूर्वक नहीं किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि भाजपा ने विश्व-भारती में माफिया शासन स्थापित किया है। यदि वह रवींद्रनाथ का सम्मान करते थे, तो उन्होंने बंगाली को शास्त्रीय भाषाओं की सूची से नहीं हटाया होता। रवींद्रनाथ ध्रुवीकरण के खिलाफ थे। इसके जवाब में दिलीप घोष ने कहा कि रवींद्रनाथ के नाम पर तृणमूल कांग्रेस केवल राजनीतिक लाभ लेना चाहती है। हकीकत यह है कि हमारी चेतना में रवींद्रनाथ हैं और जो लोग बुलडोजर से विश्वभारती के निर्माण को तोड़ते हैं, क्या वे रवींद्रनाथ से प्यार करेंगे? ऐसे लोग बांग्ला भाषा या बंगाल की संस्कृति से कभी प्यार नहीं करते।”
इस दिन शिक्षा मंत्री ने शिकायत की कि हम ध्रुवीकरण की राजनीति नहीं करते हैं, वे (भाजपा) करते हैं। इसका जवाब देते हुए, दिलीप ने कहा, सभी लोगों को समझाने का कोई फायदा नहीं है। तृणमूल कांग्रेस की तरह किसी पार्टी की नीति हिंसा नहीं हो सकती। चोरी नहीं की जा सकती। लोगों के पेट काटकर राशन चावल लूट रहे हैं। अम्फन पीड़ितों का चावल की चोरी की है। (एजेंसी, हि.स.)
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