– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन की एकबार फिर मिसाल कायम की है। यूक्रेन संकट के दृष्टिगत उसके ऑपरेशन गंगा की दुनिया में सराहना हो रही है। इसके जरिये यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित की गई है। वैसे नरेन्द्र मोदी के प्रत्येक कदम विपक्ष के निशाने पर रहते हैं। कई बार तो बिना किसी तर्कसंगत आधार पर उनका विरोध किया जाता है। सरकार के बेहतर कार्यों का समर्थन करने की उम्मीद वर्तमान विपक्ष से नहीं की जा सकती। भारतीय राजनीति में पहले ऐसे प्रकरण दिखाई देते थे। अब इनकी कल्पना भी मुश्किल है।
बेशक सराहना ना हो, लेकिन कतिपय प्रसंगों पर चुप तो रहा जा सकता है। सरकार से संबंधित प्रत्येक विषय पर आंख मूंदकर हमला बोलने से विपक्ष की प्रतिष्ठा नहीं बढ़ती है। ऐसा करने का उसे कोई राजनीतिक लाभ भी नहीं मिलता है। किंतु नरेन्द्र मोदी को मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक ऐसा विपक्ष नहीं मिला।
नरेन्द्र मोदी के कार्य ही नहीं प्रत्येक बयान पर भी तत्काल निशाना लगाने वाले बेशुमार नेता हैं। उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख विपक्षी नेता ने मोदी द्वारा चुनाव में यूक्रेन का नाम लेने पर हमला बोला। जबकि यूक्रेन में उत्तर प्रदेश सहित देश के अनेक नागरिक फंसे हुए हैं। उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सरकार लगातार हर तरह का प्रयास कर रही है। देश के प्रधानमंत्री जब जनसभा में इसका उल्लेख करते हैं, तब ऐसे लोगों को राहत मिलती है, जिनके परिजन वहां हैं। यह अच्छा है कि नरेंद्र मोदी ऐसे लोगों की भावनाओं को समझते हैं। उन्होंने गरीबों की भावनाओं को भी इसी प्रकार महसूस किया था। इसके चलते आवास, शौचालय, उज्ज्वला, आयुष्मान जैसी अनेक योजनाएं बनाई गई। देश के करोड़ों गरीबों के जीवन में बड़ा बदलाव हुआ है।
वर्तमान केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिशा में तीव्र गति की मिसाल कायम की। कुछ ही वर्षों में प्रगति के कीर्तिमान स्थापित हो गए। पिछली सरकारें बहुत पीछे रह गई। यूक्रेन प्रसंग को भी इसी रूप में देखने की आवश्यकता थी। नरेन्द्र मोदी ने यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने के लिए अभियान शुरू करने का निर्देश दिया। युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी सरकार की प्राथमिकता है। भारतीय वायुसेना के कई परिवहन विमान ऑपरेशन गंगा के अंतर्गत लगाए गए। युद्धग्रस्त यूक्रेन से अबतक आठ फ्लाइट से डेढ़ हजार से अधिक भारतीयों को रेस्क्यू किया जा चुका है।
ऑपरेशन गंगा में यूक्रेन से सटे देशों रोमानिया एवं हंगरी के रास्ते अपने नागरिकों को निकालना शुरू किया गया। ऑपरेशन के तहत अन्य भारतीय नागरिकों और छात्रों को वापस लाए जाने की अभियान जारी है। भारतीयों को एयरलिफ्ट करने के लिए अब स्पाइसजेट, इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस जैसी अन्य निजी एयरलाइंस ने भी अपने विमान भेजे हैं। भारतीय नागरिकों की निकासी के चल रहे प्रयासों को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ने भारतीय वायुसेना का भी इस ऑपरेशन से जुड़ने का निर्देश दिया था। वायुसेना के हवाई जहाजों के जुड़ने से भारतीयों के लौटने की प्रक्रिया तेज हुई है।
अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद भी भारतीय वायुसेना ऑपरेशन देवी शक्ति शुरू किया था। तब दोहा, ताजिकिस्तान और काबुल के रास्ते भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हुई थी। प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन गंगा के तहत चल रहे प्रयासों की समीक्षा करने के लिए दो उच्चस्तरीय बैठकों की अध्यक्षता की। छात्रों को हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया और रोमानिया के रास्ते भारत लाया जा रहा है। इसके लिए इन देशों की यूक्रेन के साथ सटी सीमाओं पर विशेष भारतीय प्रतिनिधियों की तैनाती की गयी है। भारत सरकार ने अपने चार वरिष्ठ मंत्रियों को यूक्रेन के विभिन्न पड़ोसी देशों में अपने विशेष दूत के रूप में प्रतिनियुक्त किया है ताकि निकासी के प्रयासों में तेजी लाई जा सके। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द को यूक्रेन संकट सहित विभिन्न मुद्दों पर जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों की वापसी संबंधी किये जा रहे प्रयासों से उन्हें अवगत कराया। राष्ट्रपति ने सरकार के कदमों को सराहनीय बताया।
यूक्रेन के राजदूत ने भारत से यूक्रेन को सहायता पहुंचाने की अपील की थी। भारत दवाओं सहित मानवीय सहायता यूक्रेन को देगा। भारत लगातार दोनों पक्षों से बातचीत के माध्यम से समाधान खोजने की बात कह रहा है। संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ आए दो प्रस्तावों में भारत ने वोटिंग में भाग नहीं लिया है। चीन और संयुक्त अरब अमीरात का भी यही रूख रहा है। रूस के राष्ट्रपति को फोन कॉल कर भारत ने हिंसा पर तुरंत विराम लगाने की अपील की थी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को भी यूक्रेन संकट पर एक बैठक की अध्यक्षता करते हुये कहा था कि भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें निकालना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी यूक्रेन में फंसे लोगों के लिए ईमेल आईडी जारी की है। उनसे विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास की एडवाइजरी का पालन करने की अपील की गयी है।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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