कोलकाता। दो दिवसीय दौरे पर पश्चिम बंगाल पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अमित शाह द्वारा आदिवासी समुदाय के घर जमीन पर बैठकर भोजन करने को लेकर कांग्रेस ने हमला बोला है। प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने 2021 के राज्य विधानसभा चुनाव से पहले आदिवासियों को लुभाने के भाजपा के प्रयासों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा ने आदिवासियों के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया और अब वह उन्हें रिझाने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है।
चौधरी ने कहा कि भाजपा ने समाज के इस वर्ग के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया और अब वह उन्हें रिझाने के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है। वास्तव में भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का यह हथकंडा पश्चिम बंगाल में काम नहीं करेगा।उन्होंने वोट बैंक की खातिर पश्चिम बंगाल में ‘‘प्रतिस्पर्धी सांप्रदायिकता’’ के लिए भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों को दोषी ठहराया।
उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में दलितों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर अत्याचार को कोई नहीं भूल सकता है और अपराधियों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कांग्रेस नेता ने पूछा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले मतुआ समुदाय के लाखों लोगों का दस करोड़ रुपये से क्या होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों पश्चिम बंगाल को ‘‘समावेशिता के बजाय जातिवाद के विपरीत मार्ग’’ पर ले जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के कई हिस्सों में, जाति एक प्रमुख मुद्दा है। ऐसे राज्यों में 30 से अधिक जातियां हैं। यहां पश्चिम बंगाल में, सात से अधिक जातियों को नहीं जाना जाता है। क्या आप मुझसे पूछते हैं कि मैं किस जाति का हूं या मैं आपकी जाति के बारे में पूछता हूं? उत्तर भारत में जाति व्यवस्था फैली हुई है और अब इसे प्रगतिशील बंगाल में आयात किया जा रहा है। (एजेंसी, हि.स.)
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