रतलाम: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) में रतलाम-झाबुआ सीट (Ratlam-Jhabua seat) से कांग्रेस में टिकट को लेकर उठापटक खत्म हो गई है. कांग्रेस के आलाकमान ने दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया (Kantilal Bhuria) को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. अभी तक कांग्रेसियों को ये पता चल रहा था कि कांतिलाल भूरिया का टिकट कट रहा है और किसी नए चेहरे को मिल जाएगा, लेकिन शनिवार रात को सूची जारी होते ही समीकरण बदल गए.
वहीं टिकट मिलने के बाद कांतिलाल भूरिया ने चर्चा में कहा कि मुझे कांग्रेस के आलाकमान ने टिकिट दिया है. निश्चित ही रतलाम, झाबुआ और आलीराजपुर की जनता मुझे आशीर्वाद देगी. BJP को पता चल गया है कि वह हारने वाली है इसलिए उसने नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतार दिया है.
कांतिलाल भूरिया ने आगे कहा कि हमने विकास की बात की है और बीजेपी ने 20 साल मध्यप्रदेश में और 10 साल दिल्ली में राज किया, लेकिन विकास के नाम पर कुछ नहीं किया. मोदीजी ने बोला था हर साल 2 करोड़ बेरोजगारों को नौकरी दूंगा, लेकिन किसी को नौकरी नहीं मिली और कहा था कि किसानों का कर्जा माफ करेंगे, लेकिन कुछ नहीं किया, तो ये झूठ बोलने वाली पार्टी है और झूठ बोलकर भूल जाती है. भूरिया ने कहा कि बीजेपी जुमलेबाजी वाली पार्टी है. भूरिया ने जनता से अपील करते हुए कहा कि बीजेपी के झांसे में न आए. अगर विकास चाहते हैं तो कांग्रेस को चुने.
गौरतलब है कि रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट प्रदेश की सबसे हॉट आदिवासी सीटों में से एक है. इसे छिंदवाड़ा के बाद कांग्रेस की परंपरागत सीट भी कहा जाता है.आजादी के बाद पहली साल 2014 की मोदी लहर में ही यहां कांग्रेस को हार मिली थी. हालांकि 2015 के उपचुनाव में कांग्रेस ने ये सीट फिर हासिल कर ली. साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने यह सीट अपनी झोली में डाल ली. वहीं इस बार यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो चला है.
दरअसल भारत आदिवासी पार्टी ने रतलाम झाबुआ लोकसभा सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. रतलाम लोकसभा सीट के पेटलावद विधानसभा चुनाव में जयस समर्थित भारत आदिवासी पार्टी से उम्मीदवार रहे इंजीनियर बालुसिंह गामड़ को टिकट दिया है. रतलाम जिले की सैलाना विधानसभा सीट जयस के खाते में है. ऐसे में त्रिकोणीय मुकाबले में जयस जीते न जीते लेकिन बीजेपी और कांग्रेस को टक्कर जरूर दे सकता है.
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