नई दिल्ली । भोपाल में कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले वॉलंटियर की मौत पर कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने सफाई दी है। भारत बायोटेक ने शनिवार को बयान जारी करके कहा कि वैक्सीन के तीसरे चरण में भाग लेने वाले 42 वर्षीय वॉलंटियर की मौत वैक्सीन लगाने के 9 दिन बाद हुई है, जबकि इसके साइड इफेक्ट्स के लिए सात दिनों तक वॉलंटियर की निगरानी रखी गई थी। उस दौरान ऐसे कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखे गए। इसलिए मृतक की मौत का वैक्सीन से कोई संबंध नहीं है।
भारत बायोटेक ने कहा कि नियमों के अनुसार वॉलंटियर को दिए जाने वाले इंजेक्शन से यह पुष्टि करना भी मुश्किल है कि वॉलंटियर को टीका लगाया गया था या फिर प्लेसीबो। भारत बायोटेक ने कहा कि गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार वॉलंटियर की मौत का संभावित कारण कार्डियो रिसपिरेटरी फेल होने से बना जहर हो सकता है। विसरा रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों के बारे में सही जानकारी मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि भोपाल के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में 12 दिसम्बर को कोवैक्सीन का ट्रायल टीका लगवाने वाले 42 वर्षीय वॉलंटियर दीपक मरावी की 21 दिसम्बर को मौत हो गई। पुलिस ने 22 दिसम्बर को उनके शव का पोस्टमार्टम कराया। इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट में शव में जहर मिलने की पुष्टि हुई है। दीपक के शव का विसरा पुलिस को सौंप दिया गया है।
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