- चालान पेश हुए 22 माह बीते, 8 में से 5 आरोपी जेल से बाहर
- कोर्ट में 57 गवाहों की सूची की गई है पेश
- इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स को लेकर खींचतान जारी
भोपाल। प्रदेश के चर्चित हनीट्रैप कांड (Honeytrap Scandal) को लेकर जिला कोर्ट में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (Special Investigation Team) द्वारा चालान पेश किए 22 माह का समय बीत गया है, लेकिन अब तक ट्रायल (trial) शुरू नहीं हो सका है। खास बात यह है कि इस केस के 8 आरोपियों में से 5 हाई कोर्ट (High Court) की जमानत हासिल कर जेल से बाहर भी आ चुके हैं। तीन आरोपी अब भी जेल में बंद हैं। इस केस में आरोपियों से जब्त मोबाइल फोन, पेन ड्राइव (Mobile Phone Pen Drive) सहित अन्य सबूतों की प्रति आरोपियों को देने को लेकर भी हाई कोर्ट में याचिका विचाराधीन है। कोर्ट में 57 गवाहों की सूची की गई है पेश की गई है। मामले में 9 अक्टूबर को अपर सत्र न्यायाधीश दीपक गुप्ता (Sessions Judge Deepak Gupta) की कोर्ट में सुनवाई होना है।
तीन महीने की जांच के बाद पेश किया था चालान हनीट्रैप मामले की शिकायत इंदौर नगर निगम के तत्कालीन सिटी इंजीनियर हरभजन सिंह ने 17 सितंबर 2019 को पलासिया थाने में की थी। जांच के बाद पुलिस ने भोपाल से आरोपी श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, आरती दयाल, बरखा सोनी, ओमप्रकाश कोरी सहित एक अन्य महिला को गिरफ्तार किया था। एक महिला ने हरभजन सिंह के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराने के लिए जिला कोर्ट में परिवाद भी दायर कर रखा है। दो अन्य आरोपी अभिषेक ठाकुर और रूपा अहिरवार को कुछ महीने बाद गिरफ्तार किया गया। जांच के बाद 14 दिसंबर 2019 को केस का चालान पेश किया गया था। चालान पेश होने के बाद आरोपियों की ओर से कोर्ट में आवेदन कर मांग की है कि उन्हें केस से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक गेजेट्स दीए जाए। निचली कोर्ट ने एसआइटी को यह देने के भी आदेश दिए थे, लेकिन शासन ने उसे हाई कोर्ट में चुनौती देकर स्टे ले लिया है। इसी वजह से ट्रायल भी शुरू नहीं हो पा रहा है।