इंदौर (Indore)। इंदौर-अकोला फोर लेन हाईवे प्रोजेक्ट (Indore-Akola Four Lane Highway Project) के तहत सिमरोल में बनाई जा रही सिक्स लेन सुरंग के लिए ओपन ब्लास्ट के ट्रायल अब विशेषज्ञों की देखरेख में होंगे। विशेषज्ञ ही यह प्रमाणित करेंगे कि निर्माणकर्ता कंपनी द्वारा ओपन ब्लास्टिंग की जो विधि और फ्रीक्वेंसी अपनाई जा रही है, वह उचित है या नहीं? सभी पक्षों को संतुष्ट किया जा सके, इसलिए क्षेत्रीय तहसीलदार और वहां रहने वाले रहवासियों के समक्ष ही ट्रायल विस्फोट किए जाएंगे।
उम्मीद है कि मई के पहले हफ्ते में कभी भी दिन तय कर सभी की उपस्थिति में ट्रायल ब्लास्ट कर लिए जाएंगे। करीब दो महीने से यह विषय उलझा हुआ है। हालांकि, इससे सुरंग का काम तो बंद नहीं हुआ, लेकिन गति जरूर प्रभावित हो रही है। टनल निर्माण स्थल के आसपास रहने वाले लोगों ने आरोप लगाया था कि ब्लास्टिंग की तीव्रता के कारण उनके मकानों में दरार आ गई हैं, जिससे घर कमजोर हो गए हैं। इसका मुआवजा कंपनी को देना चाहिए। ग्रामीणों का कहना है कि उनके 150-200 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, लेकिन कंपनी का तर्क है कि 10-12 मकानों को नुकसान हुआ है, जिनकी मरम्मत का खर्च वहन करने को वह तैयार है। कंपनी पूरी प्रक्रिया की जांच कराने के लिए आईआईटी इंदौर को पांच लाख रुपए दे रही है, साथ ही हैदराबाद की विस्फोट विशेषज्ञ कंपनी के प्रतिनिधियों को भी बुला रही है।
बारिश से पहले बनाकर तैयार करना है सुरंग
तेजाजीनगर से बलवाड़ा तक तक हाईवे का निर्माण करने वाली मेघा इंजीनियरिंग कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि बारिश से पहले सिमरोल की सुरंग का निर्माण जरूरी है। यह सुरंग करीब 300 मीटर लंबी है। कंपनी चाहती है कि जल्द ही नियमानुसार पूरी प्रक्रिया अपनाकर सभी पक्षों को संतुष्ट कर दिया जाए और फिर तेजी से काम पूरा कर दिया जाए, क्योंकि मानसून सीजन आने में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है। एक अन्य सुरंग बाईग्राम के पास बनना है और वह करीब 500 मीटर लंबी है। हालांकि, उसका काम अभी शुरू नहीं हुआ है।
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