नई दिल्ली। इजराइल और हमास (Israel and Hamas) के बीच जारी युद्ध का असर कच्चे तेल की कीमतों पर भी पड़ा है। युद्ध के कारण तेल कीमतों में चार डॉलर प्रति बैरल की दर से उछाल व्यक्त की गई है। जिसका असर दुनिया भर के देशों पर होगा।
बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स 500 अंक लुढक़ा
पश्चिम एशिया में हमास के हमले के बाद इजरायल और फिलिस्तीन में शुरू हुए युद्ध का असर व्यापक हो रहा है। हमले के बाद आज कारोबारी सत्र के पहले दिन भारतीय शेयर बाजार भारी गिरावट के साथ खुला। बाजार खुलते ही सेंसेक्स में 500 अंक और निफटी में 150 अंक की भारी गिरावट दर्ज की गई।
भारत में नहीं बढ़ेंगे दाम
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल कीमतों में आई भारी उछाल के चलते जहां दुनिया भर में पेट्रोलियम पर्दाथों की कीमते बढऩे की आशंका व्यक्त की जा रही है तो वहीं भारत में चुनाव के चलते इसका असर नहीं होगा। पिछले 18 माह से तेल कंपनियों ने पेट्रोल डीजल के दामों में वृद्धि नहीं की है। जिसके चलते वर्ष 2022-2023 के 6 महिने तीनों प्रमुख तेल कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, लेकिन पांच राज्यों के विधानसभा और अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए फिलहाल भारत में पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतों में वृद्धि की कोई संभावना नहीं है।
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