रामेश्वर धाकड़
भोपाल। दुनिया के सबसे बड़े ताकतवर संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस)ने मप्र सरकार के ताकतवर मुख्यालय मंत्रालय में जबर्दस्त पैठ बना ली है। आरएसएस के अनुषांगिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने मप्र सचिवालयीन (मंत्रालय) कर्मचारी संघ को संबद्धता प्रदान कर दी है। इससे मंत्रालय में अधिकारी एवं कर्मचारियों का बड़ा वर्ग सीधे तौर पर संघ की विचारधारा से जुड़ जाएगा। भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री मधुकर सावले ने इसकी पुष्टि की है। मजदूर संघ की गिनती देश की बड़ी ट्रेड यूनियनों में होती है।
आमतौर पर सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों के आरएसएस की शाखा एवं बैठकों में शामिल होने पर राजनीतिक तौर पर विरोध होता रहा है। हालांकि संघ पृष्ठभूमि के कई अधिकारी, कर्मचारी मंत्रालय में संविदा या प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं, लेकिन यह पहली बार है जब आरएसएस के अनुषांगिक संगठन बीएमएस ने किसी राज्य सरकार के मुख्यालय में कर्मचारियों की जरिए सीधे एंट्री मार दी है। मप्र सचिवालय कर्मचारी संघ दो गुटों में बंटा है। आपसी गुटबाजी की वजह से दो महीने पहले पंजीयक ने कर्मचारी संघ का पंजीयन निरस्त कर दिया था। जिसको लेकर सुभाष चंद्र बोस पैनल अपील करने जा रहा है। यहां बता दें कि भारतीय मजदूर संघ आरएसएस का अनुषांगित संगठन उसी तरह है, जिस तरह भारतीय किसान संघ और राजनीतिक क्षेत्र में काम कर रही भाजपा है। मप्र मंत्रालय में कर्मचारी नेता शिवपाल सिंह संघ पृष्टभूमि से हैं और सालों से मजदूर संघ का काम देख रहे हैं। अब मंत्रालय संघ को संबंद्धता मिलने के बाद सिंह को बीएमएस की ओर से विचारधारा को आगे बढ़ाने का जिम्मा मिलेगा।
कर्मचारी नेताओं ने बीएमएस से मांगी संबद्धता
मंत्रालय संघ के नेताओं ने संबद्धता के लिए बीएमएस से पत्राचार किया था। इसके बाद प्रस्ताव दिल्ली मुख्यालय भेजा गया था। जहां पिछले दिनों राष्ट्रीय स्तर की बैठक में मप्र मंत्रालय संघ को संबद्धता देने की मंजूरी मिल गई है। मंत्रालय सचिवालय संघ के अध्यक्ष सुभाष वर्मा एवं प्रवक्ता संजय राठौर ने बताया कि अब बीएसएस के साथ मिलकर कर्मचारियों एवं श्रमिकों की समस्याओं का निराकरण कराया जाएगा। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि सरकार यदि कर्मचारियों की मांग नहीं मानती तो फिर आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने मंत्रालय कर्मचारियों की मांग पत्र भी जारी किया है। जिसें वेतनमान, पदोन्नति, अनुकंपा नियुक्ति, आवास, समयमान संशोधन, भत्ते एवं अन्य मांग शामिल हैं।
यह खुशी की बात है कि राष्ट्र निर्माण की विचारधारा से कर्मचारी जुड़ रहे हैं। हम अपनी विचारधारा को और आगे बढ़ाएंगे। मजदूर संघ ने देश भर में कई कर्मचारी यूनियनों को संबद्धता दी है। मप्र के मंत्रालय कर्मचारी संघ को भी दी है।
मधुकर सावले, महामंत्री, भारतीय मजदूर संघ, मप्र
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