लॉस एंजिलिस । कोरोना वायरस अब भविष्य के लिए बहुत चिंता का विषय नहीं रहेगा, लगातार के प्रयासों के बाद इस वायरस के तोड़ के लिए वैक्सीन की खोज में लगे वैज्ञानिकों ने एक और सफलता पाई है। जिसमें कि वैज्ञानिकों 21 ऐसी दवाओं की पहचान की है जो कोरोना वायरस को अपनी संख्या बढ़ाने से रोकती हैं। प्रयोगशाला में एक जांच के दौरान इन दवाओं की पहचान की गई। अमेरिका के सैनफर्ड बुरनम प्रीबिस मेडिकल डिस्कवरी इंस्टीट्यूट के अलावा इस रिसर्च में भारतीय मूल समेत कई देशों के वैज्ञानिक शामिल हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि आगे चलकर इनमें से किसी एक से या इनके मिश्रण से कोरोना के इलाज के बारे में सोचा जा सकता है। ‘नेचर जर्नल’ में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया है कि यह 21 दवाएं संक्रमण को प्रतिरूप बनाने से पहले ब्लॉक कर दती हैं। जो दवाएं वायरस को प्रतिरूप बनाने से रोकती हैं उनमें 13 पहले ही क्लीनिकल ट्रायल में हैं।
शोध में इन दवाओं की खुराक को रेमडेसिविर के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने की बात कही गई है। रेमडेसिवीर को पहले से कोरोना के इलाज में कारगर बताया जा रहा है। इसकी मदद से कोरोना मरीजों की हालत में जल्दी सुधार हुआ था। फिलहाल इन 21 दवाओं का परीक्षण छोटे जानवरों के मॉडल्स पर हो रहा है। यदि यह सफल होता है तो वैज्ञानिक यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) से क्लिनिकल ट्रायल की इजाजत मांगेंगे। वहीं इन दवाओं के सामने आने के बाद उम्मीद की जा रही है कि मानव जीवन आगे कोरोना वायरस से बहुत घबराने वाला नहीं रहेगा, यह सामान्य फ्लू जैसा ही एक संक्रमण बनकर रह जाएगा।
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