नई दिल्ली। सरकार द्वारा शुक्रवार को लोअर फेयर बैंड में बढ़ोतरी की घोषणा के बाद हवाई यात्रा फिर से महंगी होने जा रही है। ओरिजिनल फेयर बैंड की घोषणा पिछले साल 25 मई को लॉकडाउन के बाद घरेलू फ्लाइट्स को मंजूरी मिलने के बाद की गई थी। सरकार ने लोअर और अपर फेयर बैंड निर्धारित कर दिया था ताकि डोमेस्टिक फ्लाइट्स के लिए एयरलाइंस ओवरचार्जिंग न कर सकें।
अब लोअर फेयर बैंड में बढ़ोतरी के बारे में ट्वीट करते हुए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “ATF (वायु टर्बाइन ईंधन) की कीमत में लगातार वृद्धि हुई है इसलिए अपर फेयर बैंड को अपरिवर्तित रखते हुए लोअर फेयर बैंड को 5% तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। जब डेली पैसेंजर्स की गिनती एक महीने में कम से कम 3 बार 3.5 लाख से अधिक पहुंच जाएगी, तक हम सेक्टर को 100% ऑपरेशन के लिए खोल सकते हैं।”
नये फेयर बैंड के अनुसार 40 मिनट से कम की उड़ानों के लिए फेयर 2,000 से 6,000 रुपये, 40-60 मिनट की उड़ान के लिए 2,500 से 7,500 रुपये, 60-90 मिनट की उड़ान के लिए 3,000 से 9,000 रुपये, 90-120 मिनट के लिए 3,500 से 10,000 रुपये, 120-150 मिनट के लिए 4,500 से 13,000 रुपये, 150-180 मिनट के लिए 5,500 से 15,700 रुपये और 180-210 मिनट के लिए 6,500 से 18,600 रुपये होगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पहले यह आदेश दिया था कि एक फ्लाइट पर 40% सीटें न्यूनतम और अधिकतम किराए के बीच मिड-फेयर से कम पर बेची जाएंगी। यह आंकड़ा अब 20% हो गया है। अपने फैसले को सही ठहराते हुए हरदीप पुरी ने 15 फरवरी को ट्वीट किया, “कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर से बढ़कर 60 डॉलर प्रति बैरल हो गई है। ATF की कीमतें 17000 प्रति kl से बढ़कर 51000 प्रति kl हो गई हैं। हालांकि, किराया लोअर बैंड पर 10% और अपर बैंड पर 30% बढ़ाया गया है।”
इस फैसले के बाद दिल्ली-मुंबई हवाई किराया जो पिछले महीने 10% की छलांग के साथ 3500 रुपये से 3850 रुपये हो गया था, वो अब 5% की नई बढ़ोतरी के साथ 4042 रुपये हो जाएगा। शुक्रवार को, हरदीप पुरी ने यह भी कहा कि मंत्रालय वर्तमान में 80% क्षमता तक ऑपरेशन को प्रतिबंधित करेगा। उन्होंने ट्वीट किया, “पिछले कुछ दिनों में विभिन्न राज्यों द्वारा अनिवार्य RTPCR टेस्ट के प्रतिबंधों कारण बड़े पैमाने पर हवाई यात्रियों की संख्या में गिरावट देखी गई है। इस वजह से हमने निर्धारित सीमा को 80% तक सीमित रखने का फैसला किया है।” हाल ही में नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप खारोला ने कहा था कि सेक्टर के 80% तक परिचालन की अनुमति प्राप्त होने के बावजूद उड़ान संचालन 60-65% पर चल रहा था। फेयर बैंड अब 31 मार्च तक लागू हैं, जिसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
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