उज्जैन। देवास गेट बस स्टैंड का यात्राी प्रतिक्षालय कई वर्षों से यात्रियों के काम नहीं आ रहा है। यहां आसपास के टे्रवल्स संचालकों ने इस पर कब्जा कर गोडाउन में तब्दील कर दिया है। हैरत की बात है कि यह यात्री प्रतिक्षालय देवासगेट थाना परिसर की दीवार से सटा हुआ है फिर भी पुलिस इसे कब्जे से मुक्त नहीं करा पा रही है। यात्री चाहकर भी इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ के पूर्व राज्य शासन ने 50 लाख की राशि मंजूर कर देवासगेट बस स्टैंड का कायाकल्प कराया था। उस दौरान सिंहस्थ के कारण पूरे शहर में 5 हजार करोड़ के निर्माण कार्य चल रहे थे। तब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी लगातार उज्जैन का दौरा कर रहे थे और किसी भी विभाग में औचक निरीक्षण करने भी पहुंच जाते थे। देवासगेट बस स्टैंड का कायाकल्प होने के बाद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान यहां लगभग 7 साल पहले निरीक्षण करने पहुंच गए थे। इसके बाद उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को देवासगेट बस स्टैंड की व्यवस्थाओं को हमेशा चाकचौबंद रखने को कहा था। उस समय बस स्टैंड क्षेत्र में टे्रवल्स संचालकों और भोजनालय तथा होटल संचालकों द्वारा दुकानों के आगे शेड लगाकर किए गए अस्थायी और पक्के अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद नगर निगम ने देवासगेट चौराहे से लेकर पीछे सख्याराजे धर्मशाला तक किए गए ऐसे अवैध अतिक्रमणों को तोडऩे और हटाने की कार्रवाई की थी।
इतना ही नहीं देवासगेट बस स्टैंड के थाने के समीप बने यात्री प्रतीक्षालय का कायाकल्प भी किया गया था। इसके चारों ओर बाउंड्री बनाने और गेट लगाने के साथ-साथ अंदर यात्रियों के बैठने के लिए कुर्सियां भी लगाई गई थी। सिंहस्थ निपटने तक यात्राी प्रतीक्षालय में यात्रियों को प्रवेश की सुविधा मिलती रही लेकिन उसके बाद से आसपास के कुछ टे्रवल्स संचालकों ने इसमें बाहर भेजे जाने वाले या आने वाले सामान और पार्सल रखना शुरू कर दिए। धीरे-धीरे यात्री प्रतीक्षालय के गेट पर ताला भी लगने लगा। कई बार यात्री प्रतीक्षालय का बोर्ड यात्री यहां आराम करने के लिए पहुंचे भी लेकिन उन्हें यहां से भगा दिया गया। यह क्रम तब से लेकर आज तक चल रहा है और यात्री प्रतीक्षालय पर कब्जा बना हुआ है। हैरत की बात यह है कि इससे सटा हुआ देवासगेट पुलिस थाना है। आते-जाते यहां पदस्थ पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की इस पर दिन में कई बार निगाह भी जाती है लेकिन किसी भी अधिकारी ने अभी तक सार्वजनिक उपयोग के इस यात्री प्रतिक्षालय को अवैध कब्जे से मुक्त कराने का प्रयास नहीं किया। इसकी भी शहर में चर्चा है।
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