नागदा। प्रकाशमुनिजी के 48वें दीक्षा महोत्सव पर प्रवचन की बजाए जैन संतों की धर्मयात्रा पर बात हुई। इस दौरान विभिन्न साधु-साध्वियों की दीक्षा लेने की चर्चा वक्ताओं ने की। महावीर भवन में आयोजित कार्यक्रम में जैन संत प्रकाशमुनिजी, दर्शनामुनिजी, अभिनंदन मुनिजी, महासती चंदनबाला मसा, महासती रमणीककुंवर रंजन मसा ठाणा 4 की मौजूदगी में विभिन्न शहरों से आए गुरुभक्तों ने जैन संत की धार्मिक यात्रा का बखान किया। इस अवसर पर श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचंद्र लुणावत जैन व समाज के पदाधिकारियों ने गुरुदेव को मालवा विभूषण की पदवी प्रदान कर प्रशस्ति पत्र व शॉल सेे सम्मानित किया।
इसी दिन महासती चंदनबालाजी मसा की 51वीं दीक्षा जयंती, महासती दिव्याज्योतिजी की 48वीं दीक्षा जयंती व कुंदन ऋषिमसा की 49वीं दीक्षा जयंती होने से इनका धर्म यात्रा से भी अवगत कराया गया। इंदु पावेचा, रूचि पावेचा, राजेंद्र कांठेड़, साधना ओरा, धर्मेंद्र बम, ज्योति नवलक्खा खाचरौद, चंदनमल संघवी, एकता जैन, बक्सीराम इंदौर, महेंद्र सेठिया उज्जैन, राकेश चंडालिया खाचरौद, प्रकाश मुणत रतलाम, रमेश भंडारी इंदौर ने गुरूदेव प्रकाशमुनि की धर्मयात्रा के बारे में बताया कि आपका जन्म 1960 में मालवा के रतलाम शहर में हुआ था। 6 भाई व 2 बहनोंं का परिवार छोड़कर वे दीक्षार्थी बनें। मीडिया प्रभारी महेंद्र कांठेड़ व नितिन बुड़ावनवाला ने बताया जाप की प्रभावना का लाभ कांतिलाल कोचर 3-3 सामयिक की प्रभावना का लाभ राजेंद्र दलाल, सामुहिक एकासना का लाभ निर्मल अनंत दलाल, अनिल सौरभ पावेचा, सांवेरवाला परिवार ने लिया। संचालन अरविंद नाहर ने किया। आभार श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचंद्र जैन लुणावत,चातुर्मास अध्यक्ष सतीश जैन सांवेरवाला ने माना।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved