इंदौर। परिवहन विभाग ने कल इंदौर जिले के सभी बस संचालकों की बैठक आयोजित की। बैठक में बस संचालकों को वर्षाकाल को देखते हुए बसों की मरम्मत करवाने से लेकर पानी के दौरान पुल-पुलिया पार ना करने जैसे निर्देश दिए। इस दौरान कुछ बस संचालकों ने अधिकारियों से कहा कि हम बसों की मरम्मत तो करवा लेंगे, लेकिन इससे पहले आप सडक़ों की मरम्मत करवाएं, क्योंकि कई रोड एक्सीडेंट गड्ढों के कारण ही होते हैं। नायता मुंडला स्थित आरटीओ ऑफिस में कल जिला प्रशासन के आदेश पर हुई इस बैठक में शहर के सभी प्रमुख बस संचालकों और संगठनों ने भाग लिया। परिवहन विभाग की ओर से बैठक में एआरटीओ अर्चना मिश्रा और राजेश गुप्ता शामिल हुए। उन्होंने शासन द्वारा जारी की गाइड लाइन की जानकारी देते हुए प्रमुख सावधानी रखने की बात कही।
बस संचालकों का कहना… ज्यादातर हादसे गड्ढों की वजह से
बैठक में प्राइम रूट बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने कहा कि बस संचालक वर्षाकाल से पहले सभी सावधानियों का ध्यान रखेंगे, इस बात को एसोसिएशन भी सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हम तो बसों की पूरी मरम्मत करवा लेंगे, लेकिन अधिकारी इस ओर भी ध्यान दें कि इंदौर से लगी प्रमुख सडक़ों पर कई स्थानों पर गड्ढ़े हो रहे हैं। बारिश में गड्ढों में पानी भर जाने पर वे नजर भी नहीं आते हैं और ऐसी स्थिति में अक्सर दुर्घटनाएं भी होती हैं। कई मार्ग पर सडक़ निर्माण कार्य भी चल रहा है, जिससे स्थिति और खराब है। इसलिए विभाग इनके सुधार पर भी ध्यान दे। इस पर अधिकारियों ने कहा कि वे पीडब्ल्यूडी के माध्यम से ऐसे मार्गों पर तुरंत सुधार कार्य शुरू करवाएंगे।
ये सावधानी रखें बस संचालक
– मार्ग के मध्य पडऩे वाली पुल-पुलिया पर पानी का बहाव होने पर वाहन को पार न करें।
– वाहन के ब्रेक एवं स्टेयरिंग आदि का आइलिंग कार्य पूर्ण कराएं।
– वाहनों को नियंत्रित गति से संचालित किया जाना सुनिचित किया जाए।
– वर्षाकाल के पूर्व वाहन में समस्त तकनीकी कार्य पूर्ण किए जाएं।
– वाहनों के फ्रंट विन्ड शील्ड पर वाइपर और ब्रेक लाइट, फॉगलेम्प, इंडिकेटर, हेडलाइट सुचारू रूप से कार्य कर रहे हों, यह सुनिश्चित करें।
– पुल-पुलिया पर लगे संकेतकों को ध्यान से पढ़ें एवं पुलिस प्रशासन द्वारा दी गई चेतावनी का पालन करें।
– वाहन चालक ड्रायविंग करते समय मोबाइल पर बात न करें। वाहन में प्रवेश व निर्गम द्वार पृथक-पृथक एवं आपात द्वार ठीक से खुल रहे हो, उसे खोलने में कोई बाधा उत्पन्न न हो।
– वाहन में अग्निशमन यंत्र (चालू हालत में) एवं प्रथम उपचार पेटी होना आवश्यक है।
– वाहन के वैध दस्तावेज (पंजीयन प्रमाण पत्र, बीमा, फिटनेस एवं परमिट) होने पर ही वाहन का संचालन करें।
– चालक का लायसेंस वैध हो एवं लोक सेवा यान चलाने के लिये प्राधिकृत होना अनिवार्य हो।
– बारिश के दौरान रोड पर वाहनों से थोड़ी ज्यादा डिस्टेंस रखें, ताकि जरूरत पडऩे पर वाहन को आराम से रोका जा सके। बारिश के दौरान कभी भी हैवी ब्रेक नहीं लगाएं। खराब टायरों की वजह से वाहन फिसलने का डर बना रहता है, इसलिए टायरों की जांच करा लें और जरूरत हो तो उन्हें बदलवा लें।
– समय-समय पर एयर प्रेशर चेक करते रहें। स्टेपनी में रखा टायर भी चेक कराएं।
– ड्राइवर द्वारा नशे में वाहन ना चलाया जाए।
– बसों में इलेक्ट्रिक वायरिंग को चेक करा लें, ताकि वाहन में शार्ट सर्किट से अग्नि दुर्घटना की स्थिति निर्मित ना हो।
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