भोपाल। परिवहन विभाग ने परिवहन नीति 2010 में बदलाव की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए एक तकनीकी कमेटी बनाई है, जिसने बदलाव के लिए होमवर्क शुरू कर दिया है। पड़ोसी राज्यों की नीतियों का भी अध्ययन किया जा रहा है। पड़ोसी राज्यों की नीतियों के बिंदुओं को भी शामिल किया जाएगा। नई नीति में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। कोई अपने पुराने वाहन को ईवी में बदल लेता है तो उसे चलाने की अनुमति मिल जाएगी और ग्रीन टैक्स में भी छूट मिल सकती है। जैसे कि शहर में 10 साल पुराने आटोरिक्शा को चलाने की अनुमति नहीं है। दस साल के बाद उसे चलाने की अनुमति नहीं रहती है। यदि आटोरिक्शा में ईवी किट लगा दी जाती है तो उसे चलाने की इजाजत मिल जाएगी। इस बार जो परिवहन नीति आएगी, उसका स्वरूप व्यापक होगा। करों को सरल किया जाएगा। अनुबंध नियमों को भी सरल किया जाएगा।
प्रदेश में वर्ष 2010 में परिवहन नीति लागू की गई थी। जब यह नीति लागू की थी, तब विभाग तकनीकी रूप से ज्यादा मजबूत नहीं था, लेकिन समय के साथ-साथ परिवहन विभाग में नई व्यवस्थाएं लागू हुई हैं। उसके अनुसार नई नीति की भी जरूरत है। सड़क सुरक्षा नीति 2015 को भी और मजबूत किया जाएगा। नई नीति बनाने के लिए कमेटी भी बनाई है। परिवहन आयुक्त भी नीति बनाने को लेकर अधिकारियों की बैठक ले चुके हैं। कमेटी में मनोज तेहनगुरिया आरटीओ छिंदवाड़ा, आशुतोष भदौरिया आरटीओ शहडोल, रीतेश यादव, रिंकू शर्मा एआरटीओ, आरटीआई रूप शर्मा, गिरजेश वर्मा, जितेंद्र शर्मा आरटीओ नरसिंहपुर, आरटीआई राजेंद्र पाटीदार, ह्रदेश यादव को कमेटी में शामिल किया है। कमेटी की हर दिन बैठक हो रही है। अप्रैल में ये कमेटी अपनी रिपोर्ट पेश कर देगी।
इन कारणों से बदलाव की जरूरत
परिवहन विभाग की सभी सेवाएं अब राष्ट्रीय सूचना केंद्र के पोर्टल सारथी-4 व वाहन-4 के माध्यम से दी जाने लगी है। 31 मार्च से पूरा सिस्टम वाहन-4 व सारथी-4 पर आ जाएगा। स्मार्ट चिप का पूरा सर्वर बंद हो जाएगा। प्रदेश में स्क्रैप सेंटर भी खुल गए हैं। हाई टेक ड्राइविंग स्कूल भी खोलने की कवायद की जा रही है। इसमें प्रशिक्षण लेने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस के टेस्ट की जरूरत नहीं होगी। वाहनों की फिटनेस के लिए आटोमेटिक फिटनेस सेंटरों की भी शुरुवात की जा रही है। करों में भी बदलाव हुआ है। ग्रामीण परिवहन सेवा भी शुरू हुई है।
शहरों में मिलेगा ईवी बस का परमिट
शहर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए शहर में चलने वाली सिटी बस के परमिट में ईवी बस को ही प्राथमिकता दी जाएगी। डीजल व सीएनजी बसें शहर में नहीं दौड़ेंगी नई नीति में इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश यात्री वाहनों की निगरानी के लिए कंट्रोल कमांड सेंटर भी शुरू हो गया है। यात्रियों को वाहनों में सुरक्षा मिल सके।
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