जबलपुर। शारदा चौक, गढ़ा में संचालित रतन बॉडी मेकर के संचालक रतन चौधरी द्वारा फूड वेन बनाने के लिए एक महिला द्वारा दिए गए 407 वाहन को पहले तो फर्जीवाड़ा कर बेंच दिया गया। इसके बाद जब महिला ने मामले की शिकायत की तो कार्यवाही से बचने के लिए रतन चौधरी द्वारा दूसरे वाहन के चेचिस में उनके वाहन क्रमांक एमपी 20 जीए 9171 का चेचिस नंबर एमएटी455221ई8पी32634 को फर्जी तरीके से पंच कर महिला को थमाने के प्रयास करने लगा। लेकिन महिला को धोखाधड़ी की जानकारी होने पर पीडि़ता ने परिवहन विभाग मेें एमपी 20 जीए 9171 के चेचिस का सत्यापन कराया तो परिवहन विभाग ने सत्यापन में चेचिस नंबर की पंचिंग में भिन्नता पाई है। परिवहन विभाग के सत्यापन से रतन बॉडी मेकर के फर्जीवाड़े का पर्दाफश होता है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि महिला के साथ हुई धोखाधड़ी के बाद भी गढ़ा थाना पुलिस कार्यवाही करने से पीछे क्यों हट रही है।
क्या है मामला
जानकारी हो कि इनकमटैक्स चौराहा निवासी भास्वती मंडल पति प्रनब मंडल ने लिखित शिकायत में बताया है कि उन्होंने 2015 में लगभग पौने सात लाख रूपये की लागत से कमर्शियल ऑटोमोबाईल से 407 वाहन खरीदा था। जिसका चेचिस नंबर एमएटी455221ई8पी32634 व इंजन नंबर 497एसपी67पीवीवाय648297 था। उक्त 407 वाहन क्रमांक एमपी 20 जीए 9171 को उनके द्वारा गढ़ा थाना अंतर्गत शारदा चौक स्थित रतन बॉडी बिल्डर्स को फूड ट्रक बनाने के लिए 2019 दिसंबर माह में दिया था। फूड वेन बनाने के लिए संचालक रतन चौधरी द्वारा 1 लाख 25 हजार रूपये का खर्च बताया था। जिसके बाद उसने रतन चौधरी को नगद 95 हजार रूपये दिए थे। इसके बाद बाकी का भुगतान देने के बाद बार-बार बोलने के बावजूद रतन चौधरी मेरी गाड़ी को बनाकर नहीं दे रहा था। पीडि़ता ने बताया कि इस दौरान उसके पति प्रनब मंडल का एक्सीडेंट हो गया और कोरोना के चलते लॉकडाउन भी लग गया। इसके बाद जब हाल ही में उन्होंने रतन चौधरी से गाड़ी बनाकर देने की बात कही तो उसने बात को टाल दिया। दिनांक 11 मई 2023 को जब उन्होंने रतन चौधरी के गैरेज जाकर देखा तो उनके 407 वाहन क्रमांक एमपी 20 जीए 9171 का सिर्फ ऊपरी खोखा ही रखा हुआ था और वाहन की चेचिस गायब थी। पता करने पर जानकारी लगी कि रतन चौधरी ने उनका चेचिस बिना उनकी अनुमति के किसी और को बेच दिया है। इसके बाद उन्होंने 11 मई को गढ़ा थाने में गाड़ी चोरी होने की सूचना दी। इसके बाद वह घर लौट आए। दो दिन बाद रतन ने गाड़ी वापस करने की बात कही। पीडि़ता ने बताया कि 17 मई को गढ़ा थाना प्रभारी राकेश तिवारी के सामने रतन चौधरी के साथ उनकी बैठक हुई। जब उन्होंने गाड़ी देखी तो उन्हे कुछ शक हुआ। जब उनके द्वारा गाड़ी की डीटेल निकाली गई और चेचिस का मिलान किया गया तो उन्हे पता चला कि जो वाहन रतन चौधरी उन्हेें दे रहा है उसका चेचिस ही डुप्लीकेट है।
एसपी से लेकर सीएम हेल्पलाइन में मामले की शिकायत
गढ़ा थाना प्रभारी द्वारा शिकायत के बावजूद भी कोई कार्यवाही न करने से निराश पीडि़त महिला ने पुलिस अधीक्षक टीके विद्यार्थी से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक में मामले की शिकायत कर न्याय दिलाने की मांग की है। पीडि़त महिला भास्वती मंडल ने आरोप लगाया कि है कि गढ़ा थाना प्रभारी राकेश तिवारी द्वारा रतन चौधरी को संरक्षण दिया जाता है, यही कारण है कि सब दस्तावेज दिखाने के बाद भी रतन चौधरी पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। वहीं महिला ने यह भी बताया कि जब भी वह थाने पहुंचते तो थाना प्रभारी का बर्ताव उनके प्रति उचित नहीं रहता। वहीं अनादेवक पक्ष जब थाने आता है तो थाना प्रभारी उसे अपने कैबिन में बैठाकर दोस्ताना जैसा व्यवहार करते है।
आरटीओ ने सत्यापन में वाहन के चेचिस नंबर में पाई भिन्नता
जानकारी हो कि पीडि़त महिला भास्वती मंडल ने आरोप लगाया है कि रतन चौधरी ने उनके वाहन का चेचिस फर्जीवाड़ा कर दूसरे को बेंच दिया है। और किसी अन्य वाहन के चेचिस में फर्जी तरीके से उनका चेचिस नंबर एमएटी455221ई8पी32634 को लिखवा दिया है। जो कि स्पष्ट रूप से समझ आ रहा है। इसके लिए उन्होंने परिवहन कार्यालय जाकर चेचिस के सत्यापन के लिए आवेदन दिया था। परिवहन अधिकारी द्वारा सत्यापन में पाया गया कि वाहन क्रमांक एमपी 20 जीए 9171 का चेचिस क्रमांक का सत्यापन मूल दस्तावेजनों से मिलान कर किया गया तो पाया गया कि चेचिक क्रमांक एमएटी455221ई8पी32634 के आकार, प्रकार एवं पंचिंग की शैली में भिन्नता है। ऐसा प्रतीत होता है कि उसे पंच किया गया होगा। आवेदक द्वारा आवेदन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया प्रकरण जांच का विषय है। परिवहन कार्यालय के सत्यापन से या भी स्पष्ट होता है कि कार्यवाही से बचने के लिए रतन चौधरी ने ने अपने कारखाने में ही किसी अन्य चेचिस में वाहन क्रमांक एमपी 20 जीए 9171 का चेचिस नंबर एमएटी455221ई8 पी32634 लिख दिया गया है।
आपके द्वारा मामले की जानकारी दी गई है। मामला गंभीर है। अगर चेचिस नंबर से छेड़छाड़ की गई है तो यह आपराधिक श्रेणी में आता है। मामले की जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी।
जितेन्द्र सिंह रघुवंशी, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी
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