भोपाल। मंत्रालय में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की वजह से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। मंत्रालय में 30 जून से कामकाज शुरू होने से लेकर अभी तक बीच 20 संक्रमित मिल चुके हैं। ऐसे हालात में कर्मचारी काम करने से घबरा रहे हैं। कुछ कर्मचारी छुट्टी लेकर घर बैठ गए हैं जबकि कुछ कभी-कभी काम करने आ रहे हैं। साथ ही मंत्रालय कर्मचारी संघ ने कोरोना संक्रमण रोकथाम की व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं। कर्मचारी मंत्रालय बंद कर घर से काम कराने की मांग तीन बार दोहरा चुके हैं और अब सामूहिक अवकाश पर जाने की तैयारी कर रहे हैं।
संघ पदाधिकारियों को कहना है कि अब नए मामले आए, तो कर्मचारी निर्णय लेने में देरी नहीं करेंगे। मंत्रालय में हर दूसरे दिन कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। इससे घबराए कर्मचारी लगातार मंत्रालय बंद करने की मांग कर रहे हैं, पर कोई असर नहीं हो रहा। जिसे देखते हुए कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश पर जाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। संघ पदाधिकारियों का कहना है कि अब और मामले सामने आते हैं, तो कर्मचारियों का जीवन खतरे में नहीं डाला जाएगा। कर्मचारी संघ के पदाधिकारी मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, एसीएस गृह और जीएडी को तीन बार बता चुके हैं। अब सीधा निर्णय होगा। संघ पदाधिकारियों का कहना है कि बाहरी लोगों का प्रवेश बंद कर दिया गया है, लेकिन प्रदेशभर से अधिकारी यहां आ रहे हैं। स्थानीय स्तर पर कई कार्यालयों से कर्मचारियों- अधिकारियों का यहां आना होता है।
मंत्रालय में शुरू नहीं हुआ फीवर क्लीनिक
मंत्रालय प्रबंधन ने जब नहीं सुनी, तो कर्मचारी संघ ने खुद अपने इंतजाम किए हैं। रोज-रोज नए मरीज मिलने के कारण संघ ने मंत्रालय में फीवर क्लीनिक शुरू करने की मांग की थी, पर पूरी नहीं हुई। इसलिए अब संघ ने ही ऑक्सीमीटर खरीद लिए हैं और रोज भोजनावकाश में संदेही कर्मचारियों के शरीर का तापमान नापा जा रहा है।
मंत्रालय बंद करने की मांग
ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि कौन संक्रमित है और कौन नहीं। इसलिए मंत्रालय बंद करना और घर से काम कराना ही इसका एक मात्र हल हो सकता है। मई में एक, तो जुलाई में 11 संक्रमित प्रदेश के साथ मंत्रालय में भी कोरोना मीटर तेजी से बढ़ रहा है। यहां मई माह में संक्रमण का एक मामला सामने आया था, तो जून में आठ प्रकरण आए।
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