भोपाल। प्रदेश में विकास की मुख्यधारा से अलग चल रहे किन्नर (ट्रांसजेंडर) को पिछड़ा वर्ग विभाग में शामिल करने की तैयारी है। इसको लेकर पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से प्रस्ताव आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रालय में होने वाली कैबिनेट बैठक में लाया जा रहा है। जिस पर मुहर लग सकती है। इसके साथ ही किन्नरों को अन्य पिछड़ा वर्ग कोर्ट से नौकरियों में भी आरक्षण मिलेगा। शिवराज कैबिनेट में कृषि विभाग के कृषि निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए मंडी फीस की प्रतिपूर्ति प्रदान करने की योजना में संशोधन प्रस्ताव पर भी सहमति बन सकती है। साथ ही राज्य सरकार प्रदेश में राज्य मिलेट मिशन योजना को मंजूरी दे सकती है। इस योजना में मोटा अनाज की पैदावार के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
किन्नरों के हित में होगा बड़ा निर्णय
सामाजिक न्याय विभाग के अनुसार राज्य सरकार द्वारा किन्नरों को ओबीसी वर्ग में शामिल करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के परिपालन में लिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि शिक्षा, सामाजिक एवं आर्थिक तौर पर इन्हें पिछड़ा माना जाता है। सामाजिक न्याय विभाग के अनुसार यंू तो प्रदेश में किन्नरों की प्रमाणित संख्या नहीं है। जबकि आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग ने करीब 6 हजार किन्नरों की संख्या दर्ज की है। जिसमें कुछ जिलों में सुधार भी किया गया है। प्रदेश में चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में 1432 दर्ज हैं। इसमें सबसे ज्यादा 176 किन्नर भोपाल में हैं। जबकि उज्जैन में 75, इंदौर में 102 दर्ज हैं। हालांकि प्रदेश के किसी भी स्कूल की किन्नर के तौर पर एक भी नामांकन नहीं है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले राज्य सरकार किन्नरों को सरकारी नौकरी में शामिल करने का रास्ता निकाल चुकी है।
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