मुंबई । कहते हैं अगर आप अपनी सोच बदलेंगे तो समाज बदलेगा, नजरिया बदलेंगे, तो समाज का नजारा बदलेगा. इसी सोच के साथ कुछ करने और अपनी खुद की पहचान बनाने के प्रयास में जुटे हैं मुंबई (Mumbai) के ट्रांसजेंडर कम्युनिटी (transgender community) के लोग. जिन्होंने ‘बंबई नजरिया’ नामक एक कैफे शुरू किया है. मुंबई का ये पहला कैफे (cafe) माना जा रहा, जिसमें काम करने वाले सभी कर्मचारी ट्रांसजेंडर (transgender) हैं.
मुंबई के वर्सोवा इलाके के आराम नगर में मौजूद इस ‘बंबई नजरिया’ नामक कैफे की शुरुआत 2 महीने पहले हुई. यहां पर काम करने वाले ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के कर्मचारी बताते हैं कि इस रेस्टोरेंट की शुरुआत मिस्टर डिएगो ने की है. उनका उद्देश्य था कि इसमें काम करने वाले सभी कर्मचारी ट्रांसजेंडर कम्युनिटी से होंगे, ताकि इस समाज के लोगों को एक काम करने का प्लेटफॉर्म मिल सके. साथ ही उनके कमाई का यह जरिया भी बने, साथ ही ट्रांसजेंडर के प्रति समाज में लोगों का नजरिया बदल सके.
‘बदलाव दिखा, ये हमारे लिए बहुत बड़ी बात थी’
यहां काम करने वाली ट्रांसजेंडर अक्षरा बताती हैं, “जब इस कैफे की शुरुआत हुई थी और लोग यहां पर खाने के लिए आते थे, तो हम लोगों को काम करते देख वे आश्चर्यचकित हो जाते थे, लेकिन धीरे-धीरे सब कुछ बदलता गया, हमें भी अच्छा लगने लगा और हमारे यहां खाना खाने वाले ग्राहकों को भी. लोगों में यह जो बदलाव दिखा यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात थी, जिसे हम हरदम पाना चाहते थे. लोगों का हमारे प्रति जो नजरिया बदला उससे हम बहुत खुश हैं.”
‘इसी प्रयास से हम लोगों का नजरिया बदल सकते हैं.’
इसी कैफे में काम करने वाली मालिनी बताती हैं, “हम जब ट्रेन या किसी चौराहे पर पैसे मांगते हैं, तो लोग हमसे अक्सर बोलते हैं कि कोई काम क्यों नहीं करते, लेकिन हमारे सामने मजबूरी थी कि हमें काम देगा कौन, लेकिन अब जब हमें ऐसे प्लेटफार्म मिल रहे हैं, ऐसी जगहों पर हमें काम दिया जा रहा है, जहां हम मेहनत कर पैसा कमा सकें. ये हमारी जिंदगी का सबसे बड़ा बदलाव है और इसी के जरिए इसी प्रयास से हम हमारे प्रति लोगों का जो नजरिया है उसे बदल सकते हैं.”
फिलहाल ट्रांसजेंडर कर्मचारियों की मदद से मुंबई का यह पहला ट्रांसजेंडर कैफे लोगों में काफी चर्चा का विषय है. लोग इस कैफे में जाकर कुछ खाना चाहते हैं और इस समाज के लोगों के प्रति अपना नजरिया भी बदलना चाहते हैं. ‘बंबई नजरिया’ कैफे का स्लोगन है ‘नजरिया बदलो, नजारा बदलेगा.”
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