कराची। पाकिस्तान(Pakistan) में कराची बचाओ तहरीक Karachi Bachao Tehreek (KBT) के बैनर तले रविवार को हुए पीपुल्स क्लाइमेट मार्च (People’s Climate March) के आयोजकों में शामिल एक ट्रांसजेंडर(transgender) का कथित रूप से अपहरण कर उससे दुष्कर्म(Rape) किया गया।
पाकिस्तान(Pakistan) के कराची में कामकाजी वर्ग की बस्तियों और बाजारों को ढहाए जाने से रोकने संबंधी मुहिम की सक्रिय आयोजक एक पाकिस्तानी ट्रांसजेंडर (Pakistani Transgender) का यहां आयोजित किए जाने वाले एक जलवायु मार्च से एक दिन पहले शनिवार को कथित रूप से अपहरण कर उससे दुष्कर्म किया गया।
शहर में कराची बचाओ तहरीक Karachi Bachao Tehreek (KBT) के बैनर तले हुए ‘पीपुल्स क्लाइमेट मार्च’ (People’s Climate March) के आयोजकों ने रविवार को एक बयान में कहा कि मार्च के बारे में जानकारी हासिल करने आए कुछ लोगों ने इस मार्च की एक आयोजक का शनिवार को अपहरण किया और उसके साथ दुष्कर्म किया। केबीटी (KBT) ने एक ट्वीट में बताया कि यह घटना उस समय हुई, जब ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता मार्च से एक दिन पहले संगठनात्मक बैठक में भाग लेने के बाद नजीमाबाद स्थित अपने घर लौट रही थी। पीड़िता का अपहरण करने के बाद उससे दुष्कर्म किया गया। केबीटी ने आरोप लगाया कि पुलिस पीड़िता के खिलाफ हिंसा में शामिल थी। जेंडर इंटरएक्टिव एलायंस Gender Interactive Alliance (GIA) में ‘हिंसा मामले की प्रबंधक’ शहजादी राय ने मीडिया को बताया कि केबीटी कार्यकर्ता ‘‘बहुत डर गई है और वह शिकायत दर्ज नहीं कराना चाहती थी।’’ सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह के कार्यालय के ट्वीट के अनुसार, शाह ने मामले का संज्ञान लिया है और पुलिस महानिरीक्षक को मामले की जांच करने और एक रिपोर्ट जमा कराने का आदेश दिया है। मानवाधिकार मंत्रालय ने भी घटना का संज्ञान लेते हुए कहा कि उसके ट्रांसजेंडर अधिकार विशेषज्ञ पीड़िता के अभिभावक के संपर्क में हैं। मानवाधिकार मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, “हमारी ट्रांसजेंडर अधिकार विशेषज्ञ, रीम, पीड़िता के अभिभावक सहित संबंधित लोगों के संपर्क में है और हमारा मंत्रालय उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सिंध सरकार से संपर्क करेगा।” डॉन अखबार के अनुसार, पीपुल्स क्लाइमेट मार्च के दर्जनों प्रतिभागियों ने रविवार शाम कराची के बोट बेसिन के पास एक रैली निकाली थी, ताकि अधिकारियों का ध्यान जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों की ओर आकर्षित किया जा सके, विशेष रूप से मालीर और आसपास के क्षेत्र में हो रही कथित पर्यावरणीय आपदा की ओर। जहां कथित तौर पर पेड़ों की कटाई और कृषि भूमि को नष्ट कर मेगा हाउसिंग परियोजनाओं का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है।