फरवरी में तैयार हुई बरलई-कड़छा दोहरी लाइन का मिलने लगा फायदा
इंदौर। उज्जैन-देवास-इंदौर रेल लाइन दोहरीकरण प्रोजेक्ट (Ujjain-Dewas-Indore Rail Line Doubling Project) के तहत बरलई-कड़छा के बीच बिछाई गई नई लाइन पर अब यात्री ट्रेनें 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौडऩे लगी हैं। फरवरी में मेगा ब्लॉक लेकर इस सेक्शन का दोहरीकरण कार्य युद्धस्तर पर पूरा किया गया था। इसके तुरंत बाद कमिश्नर रेलवे सैफ्टी (सीआरएस) का निरीक्षण करवाया गया था। पहले उन्होंने इस रेल मार्ग पर 90 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से यात्री ट्रेनें चलाने की अनुमति दी थी, लेकिन चरणबद्ध तरीके से इसे बढ़ाया जा सकता है।
उज्जैन-इंदौर के बीच 79 किमी लंबे सेक्शन में 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की क्षमता वाली दोहरीकृत रेल लाइन बिछाई जा रही है। फिलहाल बरलई से इंदौर के लक्ष्मीबाई नगर के बीच बचे हिस्से में दोहरीकरण कार्य हो रहा है। इसके मार्च 24 से पहले पूरा होने की उम्मीद है। कड़छा-उज्जैन के बीच पिछले साल ही दोहरी लाइन बिछाई जा चुकी है। उज्जैन-इंदौर के बीच बिछी पुरानी इकहरी लाइन पर यात्री ट्रेनें अधिकतम 110 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ रही हैं। उम्मीद है कि इसी साल ट्रेनों की गति 120 से 130 किमी प्रतिघंटा तक बढ़ जाएगी। दोहरी लाइन और अच्छी गति मिलने से यात्रियों को दोहरा फायदा होगा। एक तो ट्रेनों को जगह-जगह क्रॉसिंग के लिए नहीं रोकना पड़ेगा, क्योंकि ट्रेनों के आने-जाने के लिए अलग-अलग समर्पित लाइनें होंगी। दूसरा फायदा यह होगा कि अच्छी गति क्षमता की लाइन बिछने से ट्रेनों को एक से दूसरे स्टेशन पहुंचने में अपेक्षाकृत कम समय लगेगा। रतलाम रेल मंडल के प्रबंधक रजनीश कुमार ने बरलई-कड़छा सेक्शन में 100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन संचालन शुरू होने की पुष्टि की।
पुरानी लाइन भी 130 की क्षमता वाली बनेगी
रेल मंत्रालय ने इंदौर-देवास-मक्सी-भोपाल और देवास-नागदा रेल लाइन सेक्शन को पूरी तरह 130 किमी प्रतिघंटा की क्षमता वाला बनाने का फैसला लिया है। इसके तहत इन दोनों सेक्शन की पुरानी लाइनें भी अपग्रेड की जाएंगी। यह काम इस साल से शुरू होने की संभावना है। इसी साल से लक्ष्मीबाई नगर-फतेहाबाद-रतलाम और फतेहाबाद-उज्जैन लाइन के दोहरीकरण की शुरुआत होना है। दोनों हिस्सों में नई लाइनें 130 प्रतिघंटा गति की क्षमता वाली ही होंगी।
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