इंदौर (Indore)। नई शिक्षा नीति (new education policy) के अलग-अलग पहलुओं पर अमलीजामा पहनाया जा रहा है। ऑनलाइन एजुकेशन को शिक्षा की मौलिकता के साथ जोडऩे के लिए 70 से ज्यादा कॉलेजों के प्राचार्यों का दो दिवसीय प्रशिक्षण आज यूनिवर्सिटी में शुरू हुआ, जिसमें प्रशिक्षक ऑनलाइन शिक्षा की तार्कीकता बता रहे हैं।
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के ईएमआरसी विभाग में सुबह 10 बजे कंसोर्टियम एजुकेशन एंड कम्युनिकेशन नई दिल्ली द्वारा नई शिक्षा नीति के ऑनलाइन कोर्स पर प्रशिक्षण शुरू हुआ, जिसमें शासकीय व निजी कॉलेजों के 70 से ज्यादा प्राचार्य शामिल हो रहे हैं। दो दिवसीय प्रशिक्षण का उद्घाटन आज सुबह सीईसी नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर जगत भूषण नड्डा और कुलपति डॉ. रेणु जैन ने किया। ईएमआरसी के डायरेक्टर चंदन गुप्ता ने बताया कि 2 दिन में सात अलग-अलग सत्रों मे प्रोफेसर नई शिक्षा नीति ऑनलाइन पढ़ाई की भूमिका पर प्रशिक्षण दे रहे हैं।
इसमें प्रमुख रूप से गुजरात के गांधीनगर आईआईटी प्रोफेसर समीर सहस्त्रबुद्धे, नई दिल्ली से के श्रीनिवासन, चंडीगढ़ के तेजिंदर सिंह, मुंबई प्रोफेसर सारिका, पुणे से गणेश लोखंडे आदि इंदौर पहुंच चुके हैं, जो 2 दिन तक कॉलेज प्राचार्य को नई शिक्षा नीति पर ऑनलाइन शिक्षा के महत्व और उसकी महत्ता के बारे में समझाएंगे। इसके बाद यह प्राचार्य अपने-अपने कॉलेज में प्रोफेसर को प्रशिक्षण देंगे। नई शिक्षा नीति 60 फीसदी कोर्स क्लासरूम और 40 फीसदी को ऑनलाइन या फील्ड में छात्रों को करना है। इसके लिए ऑनलाइन शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है, जिसके तहत यह प्रशिक्षण आयोजित किया गया है।
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