पुणे। भारतीय प्रशासिनक सेवा की प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की ऑडी कार को जब्त कर लिया है। पूजा ने इसी कार पर बिना अनुमति लाल बत्ती लगवाई थी और महाराष्ट्र सरकार लिखवाया था। पुणे आरटीओ के मुताबिक ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पहले भी यातायात नियमों का उल्लघंन कर चुकी हैं। कार का 21 बार चालान हो चुका है। अधिकारी कार को जब्त करने के बाद दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।
2023 बैच की आईएएस अधिकारी हाल ही में अपनी निजी ऑडी कार पर बिना अनुमति लाल-नीली बत्ती लगाने को लेकर चर्चा में आईं थीं। पूजा पर पुणे में बतौर प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी रहते हुए शक्तियों के दुरुपयोग का भी आरोप है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पूजा ने अपनी नियुक्ति के बाद ही तरह-तरह की सुविधाएं मांगनी शुरू कर दीं की, जो प्रशिक्षु अधिकारियों को नहीं मिलती हैं। विवाद के बाद उन्हें प्रशिक्षण पूरा होने से पहले पुणे से वाशिम जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था। पुणे आरटीओ ने गुरुवार को निजी कंपनी को नोटिस जारी किया था।
अधिकारियों के मुताबिक कार पुणे के हवेली तालुका के शिवाने गांव के पते पर पंजीकृत है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि खेडकर ने जिस निजी कार का इस्तेमाल किया था, उसे जब्त कर लिया गया है। कार पर जैमर और उसके चारों ओर बैरिकेड लगाए गए थे। अधिकारियों ने बताया कि 27 जून 2012 को पुणे आरटीओ में पंजीकृत कार का यातायात नियम तोड़ने पर अब तक 21 बार चालान हो चुका है। साथ ही 27 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा चुका है। हालांकि जुर्माना जमा कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि कार के दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
बंदूक लहराकर किसान को धमकाने के मामले में पुलिस ने पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस नोटिस को पूजा के घर के बाहर चस्पा किया गया। पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि नोटिस लेने के लिए कोई नहीं पहुंचा। इसके लिए नोटिस को घर के बार चिपका दिया गया है। मनोरमा खेडकर को 10 दिन में जवाब देना होगा। बता दें पुणे पुलिस ने किसान की शिकायत पर मनोरमा के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।
विवाद के बाद पूजा की नियुक्ति को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। इसे लेकर केंद्र ने गुरुवार को उनकी नियुक्ति की जांच के लिए महाराष्ट्र कैडर के 2023-बैच के आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति का गठन किया है। खेडकर की उम्मीदवारी और अन्य विवरणों की जांच एडिशनल सचिव रैंक के अधिकारी करेंगे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक दोषी पाए जाने पर खेडकर को सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है।
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