इन्दौर (Indore)। दिल्ली-मुंबई 8 लेन का 245 किलोमीटर का जो मध्यप्रदेश का हिस्सा है उस पर कल आधी रात के बाद यातायात दौडऩे लगेगा। 11 हजार करोड़ रुपए की लागत इस हिस्से के निर्माण पर आई है। वैसे तो पूरे एक्सप्रेस-वे की कुल लम्बाई 1300 किलोमीटर से अधिक है और खर्च 1 लाख करोड़ से ज्यादा होना है। मध्यप्रदेश के हिस्से पर यातायात बिना किसी लोकार्पण के ही शुरू किया जा रहा है और 350 रुपए से अधिक का टोल टैक्स देना पड़ेगा। इस एक्सप्रेस-वे पर 7 जगह इंटरचेंज बनाए गए हैं। यानी इनकी मदद से ही एक्सप्रेस-वे में प्रवेश और निकास होगा।
रतलाम जिले में 90, मंदसौर में 102 और झाबुआ में लगभग 51 किलोमीटर का यह एक्सप्रेस-वे गुजर रहा है। इसका सर्वाधिक लाभ रतलाम को मिलेगा, लेकिन इंदौर से भी दिल्ली-मुंबई की यात्रा सुविधाजनक हो जाएगी। 245 किलोमीटर का मध्यप्रदेश का हिस्सा 20 सितम्बर से शुरू हो रहा है और इसके लिए सवा 2 रुपए से लेकर ढाई रुपए प्रति किलोमीटर टोल टैक्स की दरें तय की गई हैं। एनएचआई के अधिकारी रविन्द्र गुप्ता का कहना है कि कल आधी रात के बाद से ही इस पर से यातायात शुरू कर दिया जाएगा और 350 रुपए से अधिक टोल लगेगा। हालांकि टोल की गणना अलग-अलग हिस्से की रहेगी। जितनी दूरी वाहन तय करेंगे उसके मुताबिक टोल लिया जाएगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे जब पूरी तरह से चालू हो जाएगा तब 24 की बजाय 12 घंटे में ही यह यात्रा पूरी होगी। हालांकि इंदौर से भी इस एक्सप्रेस-वे को सीधे जोडऩे क कवायद की जा रही है। फिलहाल रतलाम, झाबुआ, मंदसौर को इससे जबरदस्त फायदा होगा और लॉजिस्टिक कारोबार बढ़ेगा। भानपुरा, गरोठ, दलावदा, भुतेड़ा, नामली, रतलाम वाला धामनोद और झाबुआ के टिमरवानी ये 7 इंटरचेंज की मदद से ही इस एक्सप्रेस-वे पर मध्यप्रदेश के वाहन प्रवेश कर सकेंगे और यहीं से निकल भी सकेंगे। वाहन जहां से एक्सप्रेस-वे में दाखिल होंगे वहीं से टोल टैक्स लगना शुरू होगा। इन सातों इंटरचेंज की पहचान के लिए इसे एमपी-01 से लेकर एमपी-07 नाम दिए गए हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर 55 एयर स्ट्रीप भी बनाई जाई जा रही है, जहां फाइनटर जेट तक आवश्यक परिस्थितयों में उतारे जा सकेंगे।
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