- चौराहों की व्यस्तता को देखकर नहीं किया जा रहा समय निर्धारण-मजबूरी में लोग नियम तोड़ रहे
उज्जैन। यातायात पुलिस स्मार्ट सिटी कंपनी के साथ मिलकर आए दिन लोगों को लाखों रुपए के चालान रेड लाईट का उल्लंघन करने के नाम पर भेज रही है लेकिन चौराहों पर लगाए गए आधुनिक ट्रेफिक सिग्नल का समय अधिकांश जगह ठीक से निर्धारित नहीं किया गया है। इसके चलते मजबूरी में लोग लाल बत्ती वाले सिग्नल का उल्लंघन कर देते हैं। तीन बत्ती जैसे प्रमुख चौराहे की स्थिति यह है कि यहां लगे यातायात सिग्रल का न तो समय बढ़ाया जा रहा है और न ही चौराहे पर मौजूद यातायात पुलिस विभाग के जवानों को इस बात की चिंता रहती है कि वाहन चालक यातायात नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं।
तीन बत्ती चौराहा हो या फिर नानाखेड़ा चौराहा ही क्यों न हो, यातायात सिग्रलों का समय इतना कम है कि चार-पांच वाहनों के पीछे खड़े वाहन चालकों को आगे निकलने का मौका ही नहीं मिलता है, क्योंकि चंद सेकेंड में ही हरी से लाल लाईट हो जाती है। हालांकि यह बात अलग है कि कतिपय वाहन चालक नियमों की परवाह न करते हुए लाल लाईट में ही अपना वाहन आगे निकाल लेते है और ऐसी स्थिति में सामने से आने वाले वाहन चालक से टकरा जाते हैं तथा कई बार विवाद की स्थिति भी निर्मित होती है। विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने कई बार यातायात पुलिस विभाग से यातायात सिग्रलों का समय बढ़ाने के लिए मांग भी की है, फिर भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया जाता है। कई बार तो तीन बत्ती चौराहे पर जवान खड़े भी रहते हैं बावजूद इसके उनका ध्यान नियमों को तोडऩे वालों की तरफ नहीं रहता है। नानाखेड़ा चौराहे पर तो यातायात पुलिस के जवान ही नहीं होते है और ऐसी स्थिति में कतिपय वाहन चालक अपनी मनमर्जी करने से गुरेज नहीं करते है। नियमों का पालन करने वाले वाहन चालकों का कहना है कि वे नियमों का पालन करना चाहते है, लेकिन कतिपय वाहन चालक न हरी लाईट देखते है और न लाल लाईट, कुल मिलाकर ऐसे वाहन चालकों को तो अपना वाहन फर्राटे से आगे निकालने की जल्दी रहती है। नियमों की अव्हेलना करने वाले वाहन चालक कई बार दुर्घटनाग्रस्त हो जाते है, फिर भी नियमों को ओर अधिक सख्त करने की दिशा में ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वाहन चालकों की यदि माने तो सिग्रलों का समय पुराना है और अब वाहन चालकों की संख्या बढ़ गई है, इसलिए यह जरूरी है कि सिग्रलों का समय नए सिरे से सेट किया जाए।