नागदा। दो साल के लंबे इंतजार के बाद रंगपंचमी पर निकलने वाली गेर का उत्साह बढ़ गया है। व्यापारी महासंघ की अगुवाई में 22 मार्च को ऊंट, घोड़े के साथ और डीजे की धुन पर गेर निकलेगी, वहीं लोकनृत्य में आदिवासी, राजस्थानी संस्कृति भी नजर आएगी। आयोजन को लेकर शनिवार को मंडी थाने में हुई शांति समिति की बैठक हुई।
बैठक में एसडीएम आशुतोष गोस्वामी, तहसीलदार आशीष खरे, मंडी थाना प्रभारी श्यामचंद्र शर्मा सहित बिजली कंपनी, नपा अधिकारियों के सामने व्यापारियों ने कई मुद्दे उठाए। व्यापारियों ने अधिकारियों से स्पष्ट किया कि गेर में हुड़दंगबाजों पर सख्ती बरती जाए। बिजली कंपनी पर्याप्त बिजली और नगर पालिका पुरानी लाइन से पानी की सप्लाय करे, इस दौरान गोवंश का मुद्दा भी उठाया गया। बताया गया कि होली की मस्ती में गोवंश का ध्यान रखा जाए। उनके चारा-पानी की व्यवस्था की जाए। बैठक में नागदा व्यापारी संघ संरक्षक दिनेश अग्रवाल, किराना व्यापारी संघ संरक्षक मनोज राठी, गोपाल सलूजा, हनुमानप्रसाद शर्मा, कांग्रेस जिला कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध स्वामी, रमेश प्रजापत, नितिन पोरवाल, भवानीसिंह देवड़ा, देवेंद्र सेन, अजय जाटवा, मोनू ठक्कर, कैलाश तंवर, रोशन शुक्ला आदि शामिल हुए।
गेर संचालन के लिए बनाई समिति
गेर को लेकर गत दिनों कपड़ा व्यापारी संघ के जोगेंद्रसिंह नारंग की अध्यक्षता में व्यापारियों की माहेश्वरी धर्मशाला में बैठक हुई। जिसमें गेर के सफल संचालन के लिए समिति का गठन किया गया। गेर संयोजक समिति संघ संरक्षक मनोज राठी ने बताया सात सदस्यों की समिति में गोपाल सलूजा, जगदीश मेहता, रामसिंह शेखावत, दिनेश सेठिया, किशोर सेठिया आदि शामिल है। संचालन संघ प्रवक्ता टीटी पोरवाल ने किया।
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