– गांजा और बमों में इस्तेमाल केमिकल की बिक्री पर उठाए सवाल
नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने देश के 500 से ज्यादा जिलों के 1200 से अधिक शहरों में ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (e-commerce company amazon) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। कैट ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी कंपनी अमेजन ने अपने पोर्टल के जरिए अवैध तरीके से गांजा की बिक्री को सुलभ किया है। इसके अलावा देश के सुरक्षाबलों के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले बमों को बनने में प्रतिबंधित केमिकल सहित अन्य सामान की बिक्री की है। इससे देश का ई-कॉमर्स व्यापार बेहद दूषित हो गया है।
कारोबारी संगठन ने अमेजन को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो वो अपने व्यापारिक मॉडल को कानून एवं नियमों के मुताबिक बदल ले या भारत से अपना बोरिया बिस्तर बांधने की तैयारी कर ले। व्यापारियों ने कहा कि अब ई-कॉमर्स व्यापार में और कानून और नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कैट ने कहा है कि अगर इस मामले में तुरंत कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो देश के व्यापारी भारत व्यापार बंद कर अपनी आवाज बुलंद करेंगे।
कैट ने कहा कि गांजा (मारिजुआना) बेचने का शौक अमेजन का पुराना है, क्योंकि कंपनी ने अमेरिकी सरकार से गांजा बेचने को अधिकृत करने की मांग की हुई है। कारोबारियों ने सरकार से मांग किया है कि अमेज़न और अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों के बिजनेस मॉडल की जांच की जाए। साथ ही गांजा बिक्री मामले में अमेजन के अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। इसके अलावा पुलवामा हमले में केमिकल की बिक्री सुलभ कराने पर अमेजन के खिलाफ देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज़ किया जाए।
कारोबारी संगठन कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि इंदौर में एक व्यक्ति ने जिलाधिकारी को अमेजन खिलाफ शिकयत दी है, जिसमें कहा गया है कि उसके बेटे ने तीन माह पहले अमेजन जरिए जहर मंगवाया और आत्महत्या कर ली। वहीं, दो दिन पहले मध्य प्रदेश पुलिस ने अमेजन के ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिए खरीदे गए 21 किलो गांजा और एक अन्य कारवाई में 17 किलो गांजा पकड़ा। इसके साथ ही 20 नवंबर को विशाखापत्तनम पुलिस ने अमेजन के पोर्टल के जरिए 48 किलो गांजा की बिक्री को भी पकड़ा। इसके अलावा 2019 में अमेजन के पोर्टल के जरिए पुलवामा आतंकी हमले में इस्तेमाल बमों के लिए प्रतिबंधित केमिकल की बिक्री भी अमेजन के जरिए हुई। ऐसे में उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या यही ई-कॉमर्स है, जहां धड़ल्ले से अवैध सामानों की बिक्री हो रही है। लेकिन, सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है।
खंडेलवाल ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर अवैध गतिविधियां चल रही हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई इस मामले में नहीं की गई है, जो सरकारों की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। उन्होंने साफतौर पर कहा कि ऐसा लगता है कि कानून सबके लिए एक समान नहीं है। कैट महामंत्री ने कहा कि बड़ी कंपनियों के लिए कानून के मायने अलग हैं और उन्हें किन्ही लोगों का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है। क्योंकि वर्ष 2016 से ही विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों ने कानून एवं नियम के उल्लंघन की अनदेखी कर रहा है, लेकिन कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
कैट महामंत्री ने कहा कि ऐसा लगता है कि उन्हें अपनी मनमानी करने की पूरी छूट दी गई है। क्योंकि पिछले एक हफ्ते से यह मामला सुर्ख़ियों में है, लेकिन बेहद अफसोस की बात है कि मध्य प्रदेश सरकार को छोड़कर केंद्र सरकार और अन्य राज्य सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं आया है। इस भेदभाव को लेकर देश के व्यापारियों में जबरदस्त आक्रोश है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार अब नहीं चेती और इस मामले में क़ानून के अनुसार त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो व्यापारियों को मजबूर होकर देशभर में एक बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा। (एजेंसी, हि.स.)
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