पटना । ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर गुरुवार को आयोजित भारत बंद का असर बिहार में दिखने लगा है। मिला-जुला असर दिखा है। राजधानी पटना सहित राज्य के वैशाली, बेगूसराय, दरभंगा, जहानाबाद, जमुई और भागलपुर में बैंक, दूरसंचार कार्यालय, आयकर कार्यालय और भारतीय जीवन बीमा निगम आदि पर इसका प्रभाव पड़ा है। बैंकों का कामकाज प्रभावित हुआ है।
वैशाली जिले के भगवानपुर राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या -22 पर भारत बंद के समर्थन में राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ता भी सड़क पर उतर गए। आरजेडी कार्यकर्ता मवेशियों के साथ प्रदर्शन करते दिखे। उन्होंने सड़कों पर आगजनी की, मुजफ्फरपुर-पटना सड़क मार्ग यातायात ठप हो गया। दूसरी ओर वामदलों ने बेगूसराय में जगह-जगह सड़क अवरूध किया। इसे देखते हुए बेगूसराय के बरौनी में स्थित इंडियन ऑयल की रिफाइनरी में धारा-144 लगा दी गई।
बंद के दौरान स्टेट बैंक और निजी बैंकों को छोड़कर अन्य बैंक बंद रहे। भारतीय जीवन बीमा की शाखाओं के भी शटर गिरे रहे। डाक विभाग में कुछ यूनियनों के सदस्य हड़ताल पर रहे। जबकि कुछ हड़ताल में शामिल नहीं हुए।
ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन के वरीय उपाध्यक्ष डॉ. कुमार अरविंद ने बताया कि केंद्र सरकार किसान व श्रमिक विरोधी है। सरकारी प्रतिष्ठानों का निजीकरण किया जा रहा है। हम इसका विरोध कर रहे हैं।संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने कहा कि बिहार में बैंकों की 5000 शाखाएं बंद हैं। इनमें 2000 ग्रामीण बैंकों और तीन हजार अन्य बैंकों की शाखाएं शामिल हैं। हड़ताल की वजह से 50 हजार करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ है।
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