नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर हिंसा करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। लाल किले में हुए उपद्रव के मामले में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और शाहजहांपुर जिला में छापेमारी कर रही है।
सूत्रों की मानें तो वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस ने पीलीभीत के पूरनपुर के घुंघचाई क्षेत्र के एक ट्रैक्टर को ट्रेस किया है। इस नम्बर के ट्रैक्टर का इस्तेमाल दिल्ली में हिंसा के दौरान हुआ था। यह ट्रैक्टर ग्रंथी के नाम पर रजिस्टर्ड बताया जा रहा है। पुलिस शहबाजपुर गुरुद्वारे में ग्रंथी की गैर-मौजूदगी में वहां के एक सेवादार को ग्रंथी के नाम का नोटिस सौंपा है। पुलिस ने ग्रंथी को जांच में शामिल होने के लिए कहा है।
वहीं, पुलिस ने शाहजहांपुर में भी तीन घरों पर नोटिस चस्पा किए हैं। ट्रैक्टर पर बैठै हुए नजर आ रहे आधा दर्जन से अधिक अज्ञात लोगों की भी शिनाख्त की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक चमराबोझी गांव में पुलिस टीम ने अरशप्रीत सिंह के आवास पर जाकर परिजनों से पूछताछ की। लक्ष्मीपुर में परमजीत सिंह के घर और रामपुरकलां में जदविंदर सिंह के घर में पूछताछ की। जिसके बाद इनके यहां नोटिस चस्पाए गए। इन्हें जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले पर हुए उपद्रव में शामिल लोगों की तेजी से तलाश की जा रही है। पुलिस को एक वीडियो फुटेज मिली है, जिसमें एक टैक्टर नजर आया। यह ट्रैक्टर पूरनपुर क्षेत्र का ट्रेस हुआ है। यह ट्रैक्टर शहबाजपुर के ग्रंथी के नाम दर्ज है। उसके लिए नोटिस लेकर पुलिस टीम शनिवार को लोकल पुलिस को साथ लेकर शाहबाजपुर पहुंची थी। मगर यहां ग्रंथी नहीं मिला तो सेवादार कुलदीप को पुलिस नोटिस सौंप आई है। पुलिस ने ग्रंथी को दस फरवरी तक जांच में शामिल होने के लिए कहा है।
तेजी से की जा रही उपद्रवियों की पहचान
दिल्ली पुलिस के पीआरओ एवं डीसीपी चिन्मॉय बिस्वाल ने बताया कि दिल्ली पुलिस विभिन्न वीडियो और फुटेज की मदद से दंगाईयों की तलाश में जुटी है। पुलिस विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से दंगाईयों की स्पष्ट तस्वीरें प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। जिसके बाद इनकी पहचान कर इन पर शिकंजा कसा जाएगा।
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