नई दिल्ली (New Delhi)। भारत और अमेरिका (India and America) आर्थिक संबंधों पर मंथन (Brainstorming economic relations) कर रहे हैं। व्यापार नीति फोरम (टीपीएफ) (Trade Policy Forum (TPF)) की बैठक के दौरान देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को और बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की गई। नई दिल्ली में आयोजित 14वीं टीपीएफ की बैठक में उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Industry Minister Piyush Goyal) मौजूद रहे। अमेरिकी प्रतिनिधि के रूप में व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन ताई मौजूद रहीं। दोनों देशों की बैठक के बाद गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉ़र्म- एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
टीपीएफ की बैठक के बाद वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया, भारत ने अमेरिका के साथ वीज़ा में देरी से संबंधित मुद्दों को उठाने की भी योजना बनाई है। इसके अलावा अंगूर, फार्मा सामान और जंगली मछली और झींगा जैसे समुद्री उत्पादों के निर्यात बढ़ाने पर भी बातें की जाएंगी। भारत सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली (Generalized System of Preferences-जीएसपी) का दर्जा बहाल करने पर भी बात करेगा। उच्च तकनीक उत्पादों और प्रौद्योगिकियों के लिए निर्यात नियंत्रण नियम बनाने पर भी विचार किया जाएगा।
टीपीएफ में भारत ने अमेरिका के साथ सामाजिक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करने पर भी बात हुई। इसके अलावा अमेरिका में आम और फार्मा जैसे उत्पादों के लिए बेहतर बाजार के इंतजाम जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई। दोनों देशों की सामाजिक सुरक्षा, या समग्रीकरण समझौता (totalisation agreement) लंबे समय से लंबित है। इससे अमेरिका में भारतीय पेशेवरों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी। इस प्रावधान के बाद अपने देश और उस देश में जहां कर्मचारी काम करता है, दोनों जगहों पर कर्मचारी की दोहरी सामाजिक सुरक्षा कटौती (dual social security deduction) समाप्त हो जाएगी।
सामाजिक सुरक्षा के लिए भुगतान के बावजूद लाभ नहीं? अब बदलेगी तस्वीर
दोनों देशों में सहमति बनने के बाद किसी भी देश में प्रवासी को मेजबान देश की सामाजिक सुरक्षा योजना में योगदान करने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने कहा, नए प्रावधानों से कई भारतीयों को लाभ होगा, खासकर आईटी क्षेत्र में काम करने वाले ऐसे पेशेवर जो अमेरिका में नौकरी कर रहे हैं और उन्हें सामाजिक सुरक्षा के लिए भुगतान करना होता है। हालांकि, भुगतान के बावजूद नागरिकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
दवाई से जुड़े मुद्दे पर भी बात
टीपीए की 14वीं बैठक में फार्मा कंपनियों पर भी बातें हुईं। अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक- यूएसएफडीए के साथ-साथ भारत भी निरीक्षण या घरेलू फार्मा कंपनियों के ऑडिट पर पैनी नजर रखने की मांग कर रहा है। गौरतलब है कि अमेरिकी बाजार में दवाएं बेचने के लिए यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) की मंजूरी अनिवार्य होती है। मंजूरी से पहले, यूएसएफडीए अधिकारी गुणवत्ता मानकों की जांच के लिए दवा बनाने वाली विनिर्माण इकाइयों के परिसर का दौरा भी करते हैं।
क्या है TPF? किन मुद्दों पर बात करते हैं भारत-अमेरिका
गौरतलब है कि टीपीएफ दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के मुद्दों को सुलझाने का एक मंच है। टीपीएफ की आखिरी बैठक जनवरी 2023 में वाशिंगटन में हुई थी। फोरम मूल रूप से पांच मुद्दों पर फोकस करता है। कृषि, निवेश, नवाचार और रचनात्मकता (बौद्धिक संपदा अधिकार) के अलावा भारत और अमेरिका के बीच सर्विस सेक्टर और टैरिफ व गैर-टैरिफ अड़चनों से जुड़े मुद्दों पर भी बातें होती हैं।
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