नई दिल्ली: इलेक्ट्रिक व्हीकल की डिमांड न केवल इंडिया बल्कि पूरे विश्व में बढ़ती जा रही है. किफायती होने और फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी को लोग पसंद कर रहे हैं. लेकिन इसकी कुछ बड़ी खामियों को लेकर भी लोगों के मन में हमेशा संशय रहता है. इसी संशय के बीच टोयोटा की ओर से आए एक बड़े बयान ने सभी को चौंका दिया है.
टोयोटा के सीईओ अकीओ टोयोडा ने दावा किया है कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का एक बड़ा तबका ऐसा भी है जो अंदर ही अंदर ईवी के भविष्य को लेकर संशय में है और उनका बड़ा सवाल है कि क्या इलेक्ट्रिक व्हीकल ही ऑटो सेक्टर में आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है.
थाइलैंड में टोयोडो ने कहा कि आने वाले समय में आगे बढ़ने के लिए हाईब्रिड, प्लग इन हाईब्रिड, हाइड्रोजन ड्रिवन व्हीकल और बैटरी ऑपरेटेड व्हीकल जैसे सभी पावरट्रेन को डवलप करना होगा. उन्होंने कहा कि ये बात ऐसे समय में है जबकि दुनिया के लगभग सभी बड़े कार निर्माता इलेक्ट्रिक कारों के फ्यूचर पर निर्भर कर रहे हैं.
कार स्कूप्स की एक रिपोर्ट के अनुसार टोयोडा ने कहा कि ऑटा इंडस्ट्री में शामिल लोग बड़े पैमाने पर उस साइलेंट मैजॉरिटी का हिस्सा हैं जो ये सोच रहे हैं कि क्या ईवी वास्तव में एक विकल्प के तौर पर ठीक है. वे फिलहाल जोर से नहीं बोल सकते क्योंकि सही जवाब अभी तक स्पष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ इसी विकल्प तक सीमित नहीं रहना चाहिए. टोयोडा ने इस बात का खंडन किया कि इलेक्ट्रिक व्हीकल ही आगे बढ़ने का एक मात्र रास्ता हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारियों और लोगों तक ये बात पहुंचाना उनके लिए मुश्किल साबित हुआ है. ईवी को लेकर सरकारी अधिकारियों और मीडिया के बीच काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. टोयोडा ने कहा कि दो साल पहले तक मैं ऐसा बयान देने वाला अकेला व्यक्ति था लेकिन अब ऐसा नहीं दिख रहा है.
ईवी ही प्रदूषण पर नियंत्रण का तरीका नहीं
टोयोडा ने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल को बेचना ही कार्बन उत्सर्जन को खत्म करने का अकेला तरीका नहीं है. कार्बन दुश्मन हो सकता है लेकिन पावरट्रेन किसी भी हाल में दुश्मन नहीं है. उन्होंने बताया कि टोयोटा में हम हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों, प्लग-इन इलेक्ट्रिक वाहनों, बैटरी इलेक्ट्रिक कारों और ईंधन सेल वाहनों से अपने ग्राहकों के लिए कार्बन कम करने वाले विकल्पों का एक पोर्टफोलियो बनाने में विश्वास करते हैं.
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